दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धा और सम्मान का वातावरण देखने को मिला। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से दीपोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र, प्रोफेसर और विश्वविद्यालय कर्मियों ने सहभागिता की। विश्वविद्यालय परिसर स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा स्थल को सैकड़ों दीपों से सजाया गया। प्रतिमा के नीचे “जय भीम” लिखे विशेष दीप प्रज्वलित किए गए, जिसने श्रद्धांजलि के इस क्षण को और भी भव्य और भावनात्मक बना दिया। सभी उपस्थित लोगों ने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर बाबा साहेब को नमन किया। प्रोफेसरों ने कहा कि “अंबेडकर का संघर्ष, चिंतन और संविधान निर्माण में उनका योगदान भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की सबसे मजबूत नींव है। आज के दिन हम उनके आदर्शों और मार्गदर्शन का स्मरण करते हुए समतामूलक समाज निर्माण का संकल्प लेते हैं।” छात्रों ने दीपोत्सव को “अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने का प्रतीक” बताया। उनका कहना था कि बाबा साहेब ने जिस न्यायपूर्ण और समानता आधारित समाज की कल्पना की थी, उसे साकार करने के लिए निरंतर प्रयास ही सच्ची श्रद्धांजलि है। पूरे परिसर में “जय भीम” के नारों की गूंज बनी रही। श्रद्धांजलि सभा शांतिपूर्वक, गरिमामयी और भावुक माहौल में संपन्न हुई।
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