वाराणसी के शनिवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तंजावूर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित काशी तमिल संगमम 4.0 संस्करण के चतुर्थ दिवस का सांस्कृतिक कार्यक्रम नमोघाट स्थित मुक्ताकाशी प्रांगण में सम्पन्न हुआ। जिसमे तमिलनाडु एवं काशी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। पहले देखें तस्वीर… अब जानिए किन कलाकरों की रही प्रस्तुति सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति विष्णु यादव एवं दल, वाराणसी के बिरहा गायन से हुआ। जिसमें विष्णु यादव ने बनारस बम बम बोले गीत से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। विष्णु यादव के गायन के दौरान नमो घाट पर श्रोता जमकर झूम रहे थे। इसके अलावा द्वितीय प्रस्तुति रही शुभम त्रिपाठी एवं दल, वाराणसी द्वारा किया गया। गायन का आरंभ गणेश वंदना से हुआ जिसके बोल थे गौरी के पुत्र, इसकी क्रम में जिसमें भी अभिमान रहेगा, जय भोले जय भोले शंकर आदि गीत के बोल पर श्रोता झूम रहे थे। तमिल ने महिलाओं ने गाया लोक गीत तृतीय प्रस्तुति रही रविचंद्रन एवं दल, तमिल नायडू द्वारा कोलट्टम लोक नृत्य की रही। तमिल नृत्य का जहां तमिल वासियों ने लुत्फ उठाया वहीं काशीवासी भी नृत्य की भाव भंगिमा देखकर भाव विभोर हो रहे थे। कार्यक्रम की चतुर्थ प्रस्तुति रही रंजना उपाध्याय एवं दल, वाराणसी द्वारा कथक नृत्य की। कथक नृत्य का आरंभ राम भजन से किया, इसके उपरांत तीन ताल की प्रस्तुति तथा कृष्ण पर आधारित भावनृत्य जिसके बोल थे मुरली मनोहर, अंत में नृत्य का समापन तराना से हुआ।
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