सहारनपुर कोर्ट ने 13 साल पुराने हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि क्रॉस के मामले में दूसरे पक्ष के चार अभियुक्तों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। अपर जिला सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-3 की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर सजा सुनाई है। एडीजीसी दीपक सैनी के अनुसार, थाना देवबंद में दी गई तहरीर में वादी गुलजार ने आरोप लगाया था कि उनके गांव के सुलेमान उर्फ कल्लू, नौशाद, शौकीन और सलमान ने अपने मकान का छज्जा उनके खेत और खेत में जाने वाले रास्ते की ओर निकाल लिया था। 18 अगस्त 2012 को करीब तीन बजे गुलजार के भाई भूरा ने छज्जा हटाने को कहा तो विपक्षी पक्ष ने उसकी साथ गाली-गलौज की। मना करने पर सुलेमान और उसके पक्ष के लोगों ने धारदार हथियारों से भूरा पर हमला कर दिया। अपनी जान बचाने के लिए भूरा गुलशेर की दुकान में घुस गया, जहां पहले से मौजूद नूर मोहम्मद, नूर हसन और गुलजार बैठे थे। आरोपियों ने दुकान में घुसकर इन लोगों के साथ भी मारपीट की। शोर सुनकर गुलफाम, गुलशेर, शहजाद आदि मौके पर पहुंचे और उन्होंने हमलावरों को दुकान से बाहर निकाला और भूरा को बचाया। गंभीर रूप से घायल भूरा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना पूरी की और आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई के दौरान एक पक्ष की ओर से समझौता पत्र भी दाखिल किया गया, लेकिन कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे निरस्त कर दिया। पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने नौशाद, शौकीन और सलीम को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी प्रकरण से जुड़े एक अन्य मुकदमे में कोर्ट ने गैर-इरादतन हत्या के प्रयास के दोषी पाए गए चार आरोपियों गुलशेर, कल्लू, नूर मोहम्मद और नूर हसन को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और अर्थदंड भी लगाया है।
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