हरदोई में अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 69वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस के सामने राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता शिव सेवक गुप्त ‘जय शिव’ के नेतृत्व में आयोजित किया गया। अधिवक्ताओं ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों और संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सेवक गुप्त ने डॉ. अंबेडकर को एक अद्वितीय और दूरदर्शी व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को विश्व का सबसे बड़ा एवं उत्कृष्ट लिखित संविधान प्रदान किया। उनके अनुसार, संविधान में निहित मौलिक अधिकार और कर्तव्य आज भी प्रत्येक नागरिक के लिए उतने ही प्रासंगिक हैं। शिव सेवक गुप्त ने बताया कि भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह संविधान देश के अंतिम व्यक्ति तक न्याय, समानता और अवसर सुनिश्चित करने की परिकल्पना पर आधारित है। उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे जनमानस को संविधान के प्रति जागरूक करें और इसके मूल्यों का व्यापक प्रसार करें। इस कार्यक्रम में अधिवक्ता अमर अवस्थी, उत्तम सिंह, अरविंद त्रिपाठी, शुभम गुप्ता, विनय कुमार गुप्ता, अतुल कुमार, विजय कुमार गुप्ता, दिनेश त्यागी, ऋषि गौतम, नैमिष, हितेश द्विवेदी, राजीव मिश्रा, मनोज श्रीवास्तव, सत्येंद्र मिश्रा, नीरज मिश्रा, अमरेंद्र त्रिपाठी, सुमित पाठक, रविशंकर पांडे सहित सैकड़ों अधिवक्ता और समाजसेवी उपस्थित थे। अधिवक्ताओं ने संविधान के संरक्षण, जन-जागरण और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के अपने संकल्प को दोहराया।
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