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गोरखपुर में मां-बेटी हत्याकांड का पर्दाफाश:गर्लफ्रेंड के पिता का कर्ज चुकाने के लिए बीए के छात्र ने की थी हथौड़े से कूचकर हत्या

गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के घोषीपुरवा में 23 नवंबर की रात शांति जायसवाल (75) और उनकी बेटी विमला (50) की हथौड़े से कूचकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के 13 दिन बाद शनिवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर इस घटना का पर्दाफाश कर दिया। आरोपी मां-बेटी के घर से महज 200 मीटर दूर सड़क के दूसरी तरफ आवास विकास कालोनी में रहता है। जिसकी पहचान 21 साल के रजत उर्फ रितेश के रूप में हुई। वह बीए लास्ट इयर की पढ़ाई कर रहा है। आरोपी ने कबूल किया कि वह गर्लफ्रेंड के पिता का कर्जा उतारने के लिए हत्या किया। आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि शाहपुर इलाके में ही उसकी गर्लफ्रेंड रहती है। गर्लफ्रेंड के पिता के ऊपर डेढ़ लाख रुपये का कर्ज था। इस वजह से वह परेशान रहती थी। मैं काफी समय से विमला के साथ रात को उसके घर जाकर शराब पीता था। इस दौरान मुझे पता था कि विमला के घर में कैश और गहने रखे हुए हैं। कई बार चोरी करने की कोशिश की, लेकिन कर नहीं पाया। 23 नवंबर की रात मैंने पहले विमला को मारा फिर अपनी पहचान छिपाने के लिए उसकी मां शांति देवी की भी हत्या कर दी। शाहपुर थाना, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और एंटी थेप्ट सेल की मदद से इस घटना का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपी के पास से पुलिस ने 16.94 ग्राम की सोने की चेन 17.94 ग्राम गला सोना, 1 अंगूठी, मोबाइल, 50 हजार रुपये और 1 हथौड़ा बरामद किया है। विमला को बुआ बुलाता था हत्या का आरोपी एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने इस घटना का पर्दाफाश करते हुए बताया कि आवास विकास में रहने वाला रजत के पिता रेलवे में डी क्लास श्रेणी में नाैकरी करते हैं। रजत का शाहपुर की ही एक लड़की से वर्ष 2019 से अफेयर चल रहा है। रजत के घर से 200 मीटर दूरी पर शांति देवी और विमला एक घर में रहती थी। विमला से जान पहचान होने के बाद रजत उसे बुआ बोलने लगा। अक्सर उसके घर पर आने जाने लगा। शांति देवी भी उसे बेटे की तरह की मानती थी। घर पर हमेशा आने जाने की वजह से ही वह अंदर की हर जानकारी रखता था। रजत पढ़ाई कर रहा था, इसके साथ ही वह छोटे मोटे काम भी करता था। लेकिन हमेशा उसे पैसों की खातिर जुझना पड़ता था। विमला के पैसों से ही वह शराब खरीदकर लाता था। फिर उसके साथ घर पर बैठकर पीता था। विमला भी रजत के घर आती जाती थी। चोरी में असफल होने पर कर दी हत्या रजत ने पुलिस को बताया कि इधर उसे काफी पैसों की जरूरत थी। गर्लफ्रेंड भी पिता के कर्ज की वजह से परेशान रहती थी। मैं विमला के घर पर आता जाता था। वहां मुझे पता था कि अलमारी में कैश रखा है। विमला भी सोने का मंहगा ब्रेसलेट पहनती थी। जिसपर मेरी काफी दिनों से नजर थी। कई बार चोरी का प्रयास किया। लेकिन हर बार असफल हुआ। रजत ने बताया कि 23 नवंबर को शाहपुर की एक दुकान से एक बोतल रम खरीदी। मैंने सोचा था कि रम पिला कर विमला के घर से माल साफ कर दूंगा। रात 10 बजे विमला के घर गया। बाहर के कमरे में सोफे पर शांति देवी लेटी थीं। उन्होंने मुझसे हाल चाल पूछा। उनसे बात करके सीधे विमला के कमरे में चला गया। विमला ने मेरी मां को कॉल कर पराठे बनवाए थे। मुझे घर में ही छोड़कर वह पराठे लाने मेरे घर गई। रात करीब 10:56 बजे वह मेरे घर से पराठा लेकर लौटी। फिर मैंने उसके लिए एक शराब का पैग भी बनाया। उसे पीने के बाद भी उसे नशा नहीं हुआ। मैं सोच कर विमला के घर गया था कि हर हाल में आज चोरी करके ही जाउंगा। मेरा शराब वाला प्लान फेल होता दिखने लगा। तब मैंने विमला के कमरे में रखा हथौड़ा उठाया। उसके सिर पर कई वार किए। वह चिल्ला रही थी। जब तक वह शांत नहीं हुई तब तक हथौड़े से वार किया। तभी दूसरे कमरे में सोफे पर लेटीं शांति देवी भी बोलने लगी कि क्या हुआ। मुझे लगा कि अगर शांति देवी जिंदा रहीं तो मेरा बचना मुश्किल है। इसलिए विमला को मारने के बाद शांति देवी की भी उसी हथौड़े से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद घर में रखा नकद और गहना लेकर चुपचाप अपने घर चला गया। दाह संस्कार में शामिल होकर बहाए आरोपी ने आंसू हत्या के बाद आरोपी रजत अपने घर पर जाकर सो गया। दूसरी दिन बड़े आराम से शहर में इधर-उधर घूमता रहा। गर्लफ्रेंड को जाकर डेढ़ लाख रुपये दिए। अपने पिता को 50 हजार रुपये दिए। डेढ़ लाख का एक मोबाइल खरीदा। वहीं सोने के गहने को एक दुकान पर जाकर गलवाकर अपने पास रख लिया। सोमवार को घर से शांति देवी और उनकी बेटी विमला की लाश मिली। इसके बाद आस-पास के लोगों के साथ ही रजत से भी पूछताछ हुई। तब वह पुलिस से बोला था कि बुआ की तरह मानता था। वह मुझे बहुत मानती थीं। शांति देवी भी बेटे की तरह मानती थी। यह सब कहकर रोने लगा। बयान नोट कर पुलिस ने उसे भेज दिया। इसके बाद लखनऊ से शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला गोरखपुर पहुंची। उन्होंने राजघाट जाकर अपनी मां और बहन का दाह संस्कार किया। इस दौरान भी रजत वहां मौजूद रहा। सुशीला भी लखनऊ से आकर रजत के घर पर ही रूकी थीं। किसी को भी रजत ने जरा भी आभाष नहीं होने दिया। 800 कैमरे देखने के बाद दिखा हत्या का आरोपी 23 नवंबर की हत्या की घटना को खोलने के लिए पुलिस की कई टीमें काम कर रही थीं। 100 से अधिक लोगों से पूछताछ भी की गई थी। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल पाई थी। इस घटना में पुलिस ने घटनास्थल के आस-पास के करीब 800 सीसीटीवी कैमरे को देखा। 11 दिन तक की जांच पड़ताल के बाद शुक्रवार को एक कैमरे में रजत दिखा। इसके बाद जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तब उसने हत्या की बात स्वीकार की। रविवार रात 11 बजे मर्डर, सोमवार रात को मिली लाशें
ये मर्डर गोरखपुर के शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा में हुआ। पुलिस के मुताबिक, कातिल ने हत्या रविवार की रात को 11 बजे के बाद की है। इसके बाद शांति देवी और विमला को किसी ने देखा नहीं। विमला जिस फर्नीचर शोरूम पर काम करती थी, वहां के मालिक रामानंद उन्हें सोमवार को कॉल करते रहे, जब उनका फोन नहीं उठा, तब वह विमला के मकान पर पहुंचे। दरवाजा लॉक था, उन्होंने पड़ोसियों से पूछा, तो उन्होंने भी कहा कि आखिरी बार रविवार को दोनों को देखा गया था। उसके बाद घर में हलचल नहीं हुई। शक होने पर शोरूम मालिक ने ही पार्षद और पुलिस को कॉल किया। जब सोमवार रात 8.30 बजे दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई, तब डबल मर्डर के बारे में पता चला। इसके बाद डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू की। शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल लखनऊ के विकासनगर में अपने पति नवीन चंद जायसवाल के साथ रहती हैं। वह मंगलवार को गोरखपुर पहुंची। साथ में उनका बेटा ऋषभ भी था। उनकी मौजूदगी में दोनों लाशों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। मां के शव से लिपटकर बेटी चिल्लाई, अब किससे मिलने आऊंगी
डॉक्टर के मुताबिक, दोनों के सिर की हड्‌डी 4 से 5 टुकड़ों में मिली है, इससे उनकी मौत हुई। मंगलवार शाम को दोनों की बॉडी को राजघाट ले जाया गया। राजघाट पर करीब 5.30 बजे बड़ी बेटी सुशीला ने अपनी मां और बहन के शव का दाह संस्कार किया। इस दौरान वह अपनी मां और बहन के शव से लिपटकर रोने लगीं। वह सिसकते हुए बोल रही थीं- अब किसके लिए गोरखपुर आऊंगी। रोज रात को एक घंटे हमारी बातें होती थीं। जिस तरह हत्यारे ने मारा है, इससे भी बुरी मौत उसको मिले। मेरी मां और बहन को तभी इंसाफ मिलेगा। चिता की तरफ बेटी भागी, तो लोगों ने पकड़ा
बड़ी बेटी सुशीला को लोगों ने संभाला, तब उन्होंने मुखाग्नि दी। अचानक सुशीला बदहवास हो गई, परिवार के दो लोगों ने उनके हाथ पकड़ लिए। वो चिता की तरफ भागने लगी, वो रोते हुए कह रही थी- किसने मार डाला मेरी मां को। मेरे सिवा उनका कौन था…? राजघाट में घोसीपुरवा में रहने वाले दो पड़ोसी भी पहुंचे थे। चिता को आग देते समय सुशीला देवी के साथ ही पड़ोसी भी रोने लगे। इस दौरान शाहपुर पुलिस भी मौजूद रही। सुशीला ने पुलिस के साथ घर के दोनों कमरों और अलमारी को खोलकर देखा था। सब कुछ देखने के बाद उन्होंने आरोप लगाए कि घर से विमला के गहने और रुपए गायब हैं। घर से 8.5 लाख रुपए और जेवर नहीं मिले
पुलिस को मर्डर होने के 24 घंटे के अंदर कुछ क्लू मिले हैं। पुलिस मान रही है कि मर्डर करने के लिए पूरी प्लानिंग की गई। कातिल इस घर के स्ट्रक्चर को समझ रहा था। इसलिए पुलिस उस प्रॉपर्टी डीलर को ढूंढ रही है, जोकि इस मकान का सौदा करवा रहा था। पूरी डील 4 करोड़ में होनी थी। बहन सुशीला इस मर्डर के पीछे लूट का कारण बता रही है, क्योंकि अलमारी से जेवर और 8.50 लाख कैश गायब है। सुशीला के मुताबिक, उसकी बहन विमला के घुटने का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए उसने 8.50 लाख रुपए दिए थे। रकम घर में रखी थी और विमला अक्सर सोने की चेन व 18 ग्राम की ब्रेसलेट पहनती थी, जो गायब हैं। सुशीला का दावा है कि हत्यारे ने वारदात के बाद नकदी और जेवरात दोनों ले लिए। हालांकि उसकी मां शांति देवी के शरीर पर उनके जेवर जस के तस मिले, जिससे परिजन आश्वस्त हैं कि हत्या सिर्फ लूट के लिए नहीं हुई। ये भी सामने आया कि बुजुर्ग मां और बेटी का ई रिक्शा पार्किंग को लेकर भी कुछ लोगों से झगड़ा चल रहा था। पूछताछ में सामने आया कि घर के पास एक ई-रिक्शा चालक रहता है। वह रोज शांति देवी के घर के सामने गाड़ी खड़ी करके चार्ज करता था। इस पर मां-बेटी ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद ऑटो चालक से झगड़ा भी हुआ था। इसकी शिकायत मां-बेटी ने घोषीपुरवा के पार्षद से भी की थी। इसलिए इस परिवार के नजदीकी लोगों के इर्द गिर्द ही पूरी जांच घूम रही है। पुलिस ये भी मान रही है कि कातिल 1 से ज्यादा थे, ऐसे में पूरे एरिया के CCTV भी देखे जा रहे हैं। 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, डॉग स्क्वायड से क्लू मिला
इस घटना का पर्दाफाश करने के लिए 5 पुलिस टीम बनाई गईं हैं। अभी तक पुलिस टीम ने घर के आस-पास रहने वाले 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। वहीं ई-रिक्शा चालक को दो बार थाने पर बुलाकर पूछताछ की गई है। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया। घटना के बाद पुलिस का खोजी कुत्ता घर के पास खड़ा होने वाला ई-रिक्शा और सड़क पर एक अंडे के ठेले के पास बार-बार जा रहा था, इसलिए पुलिस ई-रिक्शा चालक से बार-बार पूछताछ कर रही है। रात में दूध लेने गई थी विमला
जांच कर रही पुलिस टीम घर से थोड़ी दूर दुकानों में लगे सीसीटीवी में एक जगह रात करीब 11 बजे विमला एक दुकान से पैकेट वाला दूध लेकर जाती दिखी है। इसके बाद कोई लोकेशन नहीं मिली। 20 नवंबर को हुई थी मां-बहन से बात
सुशीला ने बताया कि 20 नवंबर को उसकी मां और बहन से उसकी बात हुई थी, सब कुछ सामान्य था। एक माह पहले वह अपनी आंख का ऑपरेशन कराने गोरखपुर आई थी और 20 दिन मां-बहन के साथ रहकर लखनऊ लौटीं थी। हत्या की खबर सुनकर वह दोबारा परिवार संग शहर पहुंची। पुलिस की नजर मकान की हिस्ट्री पर
सुशीला ने बताया कि उसके पिता रामनरेश ने जीवनकाल में यह मकान मेरे बेटे ऋषभ के नाम वसीयत किया था। इसके बाद ऋषभ ने बालिग होने पर अपनी मां सुशीला को पावर ऑफ अटॉर्नी सौंप दी। उन्होंने 5 साल पहले एक प्रॉपर्टी डीलर अजय मिश्रा को 55 लाख रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी कर दिया था। पिता रामनरेश ने 2 शादियों की थी। उनकी दूसरी पत्नी की बेटियों से कमरे खाली कराए गए थे। घोषीपुरवा स्थित यह मकान करीब 4000 वर्ग फीट का है। मकान का हाउस टैक्स बेतियाहाता निवासी अजीत शाही के नाम चढ़ा होने को लेकर भी वर्षों से विवाद रहा है। इतना ही नहीं, लगभग 10 साल पहले एक छात्र नेता ने भी अपने लोगों को किरायेदार बनाकर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला गोरखनाथ मंदिर तक पहुंचने पर उनके लोग मकान छोड़कर चले गए थे। इससे प्रमाणित होता है कि यह मकान लगातार विवादों में रहा है। रामनरेश ने बनवाया था दो मंजिला मकान
शांति देवी और उनकी अविवाहित बेटी विमला जायसवाल गीता वाटिका के पास स्थित दो मंजिला पैतृक मकान में रहती थीं। जानकारी के अनुसार शांति देवी के पति रामनरेश जायसवाल वर्ष 1965 में गोरखपुर आए थे और उन्होंने यहीं मकान बनवाया था। रामनरेश की दो शादियों से कुल चार बेटियां थीं। उनकी पहली पत्नी से बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल की शादी जौनपुर में की गई, जो वर्तमान में अपने पति और बच्चों के साथ लखनऊ में रहती हैं। दूसरी पत्नी की दोनों बेटियों ने प्रेम विवाह किया था, जबकि विमला ने शादी न करके अपनी वृद्ध मां की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई। पहले मां फिर बेटी का शव मिला
मौके पर सबसे पहले शांति देवी का शव मिला था, बाद में विमल का शव घर के अंदर अलग स्थान से बरामद हुआ। शांति देवी उम्र और बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ थीं, ऐसे में उनके खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग यह दर्शाता है कि आरोपी उन्हें पहचानता था और उन्हें चुप कराने के लिए वारदात की गई। वहीं पड़ोसियों का कहना है कि घटना वाली रात किसी तरह की आवाज बाहर नहीं सुनाई दी। पुलिस का मानना है कि हत्या परिचित द्वारा की गई है, क्योंकि घर में जबरन घुसने या हाथापाई के संकेत नहीं मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, दोनों के सिर पर भारी हथौड़े जैसे हथियार से कई प्रहार किए गए हैं। पुलिस ने मौके से शराब की बोतल, बिखरे सामान, टूटी अलमारी और कुछ संदिग्ध निशान भी कब्जे में लिए हैं।


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