बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का शनिवार को परिनिर्वाण दिवस है। नोएडा में बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पहुंचे। वहां उन्होंने अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। वह 10 मिनट ही वहां रुके और चले आए। बसपा के करीब 5 हजार लोग कार्यक्रम में पहुंचे थे। वह आकाश को सुनने का इंतजार करते रह गए। आकाश 1.59 बजे पहुंचे और 12.09 मिनट पर वहां से चले गए। दरअसल, शुरुआत में चर्चा थी कि मायावती भी सेक्टर-95 स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल के कार्यक्रम में आएंगी। हालांकि, भीड़ के चलते लोगों को दिक्कत न हो, इसलिए खुद मायावती इंकार कर दिया था। कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह मंडल मेरठ, सहारनपुर मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ के पार्टी के समर्थकों को बुलाया गया था। ज्यादातर कार्यकर्ता हाथों में बाबा साहब की फोटो लेकर पहुंचे। कार्यक्रम में 3 आईफोन चोरी हो गए। इस दौरान माइक से एनाउंस किया गया कि अगर किसी को आईफोन मिलें तो काउंटर पर जमा कर दें। अंबेडकर महा परिनिर्वाण दिवस पर मायावती नोएडा नहीं पहुंचीं, लेकिन उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसा। पूछा-बहुजनों के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे? मायावती ने पूछा-‘अच्छे दिन’ कब आएंगे?
मायावती ने कहा- देश के करोड़ों दलित, आदिवासी, ओबीसी और शोषित-पीड़ित लोग अब जातिवादी पार्टियों से उम्मीद छोड़ चुके हैं। अब वे सत्ता की मास्टर-की हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन विरोधी हर हथकंडा अपनाकर उन्हें शासक वर्ग बनने से रोक रहे हैं। उन्होंने पूछा- बहुजनों के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे? वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें
मायावती ने बहुजन समाज से अपील की कि वे अपनी वोट की ताकत को पहचानें और उसकी रक्षा करें। चुनाव आयोग द्वारा कराया जा रहा वोटर लिस्ट का सघन पुनरीक्षण (एसएसआर) बेहद अहम है। इसमें पूरी जागरूकता के साथ हिस्सा लें। मायावती ने कार्यक्रम में न जाने का कारण बताया
मायावती ने कहा-पहले वे स्वयं लखनऊ और नोएडा के स्मारकों पर जाती थीं, लेकिन उनकी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर दूर-दराज से आने वाले अनुयायियों को मुख्य स्थल से बहुत दूर रोक दिया जाता है। लोगों को भारी परेशानी होती है। इसलिए अब उन्होंने फैसला लिया है कि वे निवास या पार्टी दफ्तर में ही श्रद्धांजलि देंगी। रुपए के भारी अवमूल्यन पर भी साधा निशाना
मायावती ने रुपए के लगातार गिरते मूल्य पर चिंता जताई और कहा, “यह मुद्दा अब सिर्फ आर्थिक नहीं, राजनीतिक और राष्ट्रहित का बन चुका है। आर्थिक सलाहकारों से ज्यादा सरकार को गंभीर होकर ठोस कदम उठाने चाहिए। आज की विषम परिस्थिति में बाबासाहेब को सही से समझकर उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
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