चित्रकूट में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से साइबर ठगों ने नौ दिनों में 21.50 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस का आईपीएस अधिकारी बताकर मानव तस्करी और गलत मैसेज भेजने के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी थी। उन्होंने कार्रवाई से बचने के लिए करीब 55 लाख रुपए की मांग की थी। सदर कोतवाली क्षेत्र के भैरो पागा निवासी सेवानिवृत्त कर्मचारी रामशरण वर्मा ने पुलिस को बताया कि उन्हें 20 नवंबर को एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को ‘मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेज’ से दिल्ली पुलिस का आईपीएस अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम के सिम से गलत मैसेज भेजे जा रहे हैं। ठग ने रामशरण वर्मा पर मानव तस्करी में शामिल होने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि एक आरोपी के पास से उनका एटीएम कार्ड मिला है। उसने वर्मा के केनरा बैंक खाते की जानकारी देकर विश्वास दिलाया और फिर वारंट जारी होने तथा अचल संपत्ति जब्त करने की धमकी देकर दबाव बनाया। दबाव में आकर रामशरण वर्मा ने कार्रवाई से बचने के लिए ठगों द्वारा मांगी गई 54.80 लाख रुपये की रकम में से किस्तों में भुगतान करना शुरू कर दिया। उन्होंने 26 नवंबर को 11.50 लाख रुपए और 29 नवंबर को दो किस्तों में पांच-पांच लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से भेजे। इस प्रकार कुल 21.50 लाख रुपए का भुगतान किया गया। लगातार पैसे की मांग किए जाने पर रामशरण वर्मा को शक हुआ। इसके बाद उन्होंने साइबर थाना पुलिस से संपर्क कर अपनी आपबीती सुनाई। साइबर क्राइम प्रभारी रीता सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है।
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