औरंगाबाद जिले के फेसर बाजार में शनिवार को माहौल तनावपूर्ण रहा। पुलिस प्रशासन पर मनमानी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बाजार बंद करा दिया। दुकानदारों ने भी सहयोग करते हुए अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी। थानाध्यक्ष वर्षा कुमारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान अधिकांश दुकानें बंद रहीं। ग्रामीणों का आरोप है कि थानाध्यक्ष और सीओ मिलकर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहे हैं। जबकि यह जमीन अस्पताल निर्माण के लिए चिन्हित है। पहले भी इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध निर्माण नहीं रोका गया, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता गया। इसी नाराजगी का असर बुधवार को देखने को मिला था। जब लोगों ने फेसर-पचरुखिया पथ को जाम कर प्रदर्शन किया था। हालांकि कुछ देर बाद जाम हटा लिया गया था, लेकिन उसके बाद पुलिस ने कई ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी। इससे गुस्सा और भड़क उठा। इसी आक्रोश के बीच शनिवार को ग्रामीणों ने बाजार बंद करा दिया। मुखिया प्रतिनिधि रवि गुप्ता ने थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि थाना में खुलेआम पैसे की मांग की जाती है। वर्षा कुमारी के पदभार संभालने के बाद थाना परिसर में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। 20 नामजद और 10-15 अज्ञात पर केस दर्ज फेसर ठाकुरबाड़ी मोड़ पर सड़क जाम मामले में पुलिस ने 20 लोगों को नामजद और 10 से 15 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें फेसर निवासी रवि गुप्ता, जयशंकर कुमार, गुप्त निराला, राकेश कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, पंकज कुमार उर्फ लुटन यादव, भोला यादव, रामनरेश यादव, सतेन्द्र यादव, संजय प्रसाद गुप्ता, अशोक कुमार गुप्ता, मृत्युंजय यादव, रामजी यादव, विवेक कुमार, रंजन गुप्ता, सुमित कुमार, अमित कुमार, निधि यादव, गोलू साव, दीपक कुमार शामिल है। एएसआई पप्पू कुमार के बयान पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि गुरुवार को प्रदर्शनकारी सड़क जाम कर यातायात बाधित कर रहे थे, जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। इसी बीच पुलिस को रघोलिया गांव के पास दो बाइकों की टक्कर की सूचना मिली थी। लेकिन जब गश्ती दल दुर्घटना स्थल की ओर जा रहा था, तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम को भी आगे बढ़ने से रोक दिया। समझाने के बावजूद लोग रास्ता खाली करने को तैयार नहीं थे। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी इस मामले में सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि दुकानदार अपनी दुकानों को बंद और चालू रखने के लिए स्वतंत्र हैं। बात रही थाना प्रभारी वर्षा कुमारी पर आरोप का तो इसके लिए दुकानदार वरीय अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं उसके बाद जांच की जाएगी।
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