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अखिलेश यादव बोले- संविधान लोकतंत्र की प्राणवायु:X पर पोस्ट किया- इसे बचाने के लिए करो या मरो आंदोलन की जरूरत

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संविधान को लोकतंत्र की प्राणवायु बताया है। उन्होंने कहा कि इसे बचाने के लिए एक और ‘करो या मरो’ आंदोलन की आवश्यकता है। संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा और जब न्याय बचेगा तभी सभी को बराबर मान-सम्मान और बराबर के अवसर मिलेंगे, भेदभाव भी मिटेगा और भेद का भाव भी। ठीक इसी वजह से उनके अनुसार संविधान की रक्षा के लिए एक और करो या मरो आंदोलन की ज़रूरत है। “सबको स्थान-सबको सम्मान।” समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार देर रात अपने पैतृक गांव सैफई पहुंचे। शनिवार सुबह करीब 11 बजे वे किसी कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। सैफई रवाना होने से पहले अखिलेश यादव ने अंबेडकर महा परिनिर्वाण दिवस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट साझा कर देश के मौजूदा राजनीतिक और संवैधानिक माहौल पर कड़ा संदेश दिया। अब पढ़िए अखिलेश ने क्या लिखा अखिलेश ने पोस्ट की शुरुआत में लिखा- देश का नारा “जय जवान, जय किसान, जय संविधान” होना चाहिए। संविधान को लेकर कोई पक्ष-विपक्ष नहीं होना चाहिए, बल्कि हर भारतीय को एक मत होकर खड़ा होना चाहिए क्योंकि संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं बल्कि देश की बुनियाद है। लोकतंत्र के लिए सबसे दुखद स्थिति यह है कि संसद में संविधान को बचाने पर बहस हो रही है, जबकि बहस का विषय यह होना चाहिए कि संविधान के हिसाब से देश को आगे कैसे बढ़ाया जाए। संविधान पर संकट का आना दरअसल लोकतंत्र पर संकट का आना है और जो लोग संविधान को कमजोर करना चाहते हैं वे लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। वे वही होते हैं जो देश में एकतंत्र स्थापित करना चाहते हैं। संविधान का हक छीना जा रहा अखिलेश यादव ने आगे लिखा- संविधान हक देता है, और जो हक छीनना चाहते हैं, वही संविधान को नकारने की कोशिश करते हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वह कई बार कह चुके हैं और आज फिर दोहरा रहे हैं कि संविधान ही संजीवनी है, संविधान में देश को अच्छा करने और अच्छा बनाए रखने की शक्ति है। संविधान लोकतंत्र का कर्म ग्रंथ होता है और देश संविधान से चलना चाहिए, किसी के मन-विधान से नहीं। संविधान PDA का स्तंभ सपा मुखिया ने आगे लिखा- संविधान ही PDA का प्रकाश स्तंभ है, क्योंकि संविधान ही व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा सुनिश्चित करता है। संविधान समाज को शोषण और उत्पीड़न से बचाता है और शोषकों को सज़ा दिलाता है। इसलिए PDA वालों के लिए संविधान अंतिम उम्मीद है। अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान ही हमारा रक्षा कवच है, संविधान ही हमारी ढाल है, संविधान है तो सुरक्षा है, संविधान है तो शक्ति है और संविधान ही देश की 90 प्रतिशत शोषित-वंचित जनता के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है। आजादी का अमृतकाल सिर्फ जुमला उन्होंने लिखा- जो लोग संविधान नहीं मानते उनके लिए यह सिर्फ कोरा पन्ना है, लेकिन संविधान ही लोकतंत्र की प्राणवायु है और संविधान को निष्क्रिय करना स्वतंत्रता को निष्क्रिय करना होता है। संविधान को परतंत्र बनाकर राज करना चाहने वालों के लिए “आज़ादी का अमृतकाल” भी सिर्फ़ एक जुमला है। पोस्ट के अंतिम हिस्से में अखिलेश यादव ने बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए कहा कि संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा और जब न्याय बचेगा तभी सभी को बराबर मान-सम्मान और बराबर के अवसर मिलेंगे, भेदभाव भी मिटेगा और भेद का भाव भी। ठीक इसी वजह से उनके अनुसार संविधान की रक्षा के लिए एक और करो या मरो आंदोलन की ज़रूरत है। उन्होंने अंत में यह शब्द लिखे “सबको स्थान-सबको सम्मान।”


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