रामपुर CRPF कैंप पर 31 दिसंबर, 2007 को हुए हमले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपियों को राहत दी है। हाईकोर्ट हमले के आरोपियों की फांसी की सजा की रद्द कर दी है। बता दें कि सेशन जज रामपुर ने 2 नवंबर, 2019 को सजा सुनाई थी। हमले के 4 आरोपियों मोहम्मद शरीफ, सबाउद्दीन, इमरान शहजाद और मोहम्मद फारूख को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि जंग बहादुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने मोहम्मद कौसर और गुलाब खान को बरी कर दिया था। कोर्ट ने आतंकियों की अपील पर बहस पूरी होने के बाद 4 सितंबर, 2025 फैसला सुरक्षित कर लिया था। रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में सात जवान शहीद हो गए थे एक रिक्शा चालक मारा गया था। आतंकियों ने एक-47 और ग्रेनेड से हमला किया था। 18 मई 2025 को साजिश कर्ता सैफुल्लाह को पाकिस्तान में मार दिया गया था, इस मामले में सेशन कोर्ट में 38 गवाहों की गवाही कराई गई थी। ……. 12 साल पहले रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में अपर जिला सत्र न्यायालय ने 6 आरोपियों को दोषी करार दिया। जबकि, दो आरोपियों को बरी कर दिया। 2 नवंबर को कोर्ट सजा सुना सकती है। 2007 में हुए कैंप पर हुए आतंकी हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। उत्तर प्रदेश एसटीएफ और पुलिस ने इस मामले की जांच की। जिला शासकीय अधिवक्ता दलविंदर सिंह डंपी ने बताया, ‘मो. शरीफ, जंग बहादुर, इमरान शहजाद, मो. फारुख और सबाउद्दीन को कोर्ट ने हमले का दोषी ठहराया। वहीं, कौसर खान और गुलाब खान को दोषमुक्त कर दिया गया। इस मामले में गिरफ्तार गोरेगांव निवासी फहीम अंसारी के पास से पासपोर्ट और पिस्टल बरामद हुआ था। वह पर आईपीसी की धारा-420, 467, 471, 200, 25/1/ए के तहत दोषी पाया गया। हालांकि, उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं पाई गई। 7 जवान हुए थे शहीद 31 दिसंबर 2007 की रात सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर तीन के भीतर घुसकर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हो गए थे। वही, गोलीबारी में एक रिक्शा चालक की जान भी गई थी। इस मामले में एक जनवरी 2008 को केस दर्ज किया गया। लखनऊ और बरेली की जेल में बंद हैं सभी आरोपी मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) निवासी इमरान शहजाद , मो. फारुख, मुंबई गोरेगांव निवासी फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी के सबाउद्दीन सबा, प्रतापगढ़ के कौसर, बरेली के गुलाब खान, मुरादाबाद के जंग बहादुर उर्फ बाबा खान और रामपुर से मोहम्मद शरीफ को गिरफ्तार किया था। ये सभी लखनऊ व बरेली की जेलों में बंद हैं। रामपुर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी इस मामले की 19 अक्टूबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। इस दौरान अदालत में 38 गवाहों ने अपना बयान दर्ज कराया। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट का फैसला आने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। कोर्ट परिसर के अलावा सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे।
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