आगरा जनकपुरी की दावत में राजा दशरथ को निमंत्रण नहीं:बोले- जनक मंच पर मेरी जगह बैठ गए राजा जनक, दो पार्षदों ने उपद्रव मचाया
आगरा की एतिहासिक रामबारात भव्य तरीके से मिथिला नगरी पहुंची। जनकपुरी का आयोजन भी हुआ, लेकिन बड़हार दावत में राजा दशरथ बने अजय अग्रवाल को निमंत्रण भी नहीं दिया गया। इसको लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है। उन्होंने राजा जनक बने राजेश अग्रवाल पर भी आरोप लगाए हैं। राम बारात और जनकपुरी का आयोजन विवाद में घिर गया है। राजा दशरथ बने अजय अग्रवाल का कहना है कि राजा जनक राकेश अग्रवाल उनके यहां पर लगन लेकर आए थे। उन्होंने हमें बारात लाने का निमंत्रण दिया। इसके बाद वो बारात लेकर जनकपुरी पहुंचे। उन्होंने हमें चाय नाश्ता कराया। इसके बाद हम वापस लौट आए। शाम को हमें जनक महल के मंच पर बैठना था, लेकिन राजा जनक ने बहुत बड़ी गलती कर दी। जहां राजा दशरथ को बैठना था, वहां पर खुद बैठ गए। मुझे कोने में खंभे के सामने बैठा दिया। जिससे लोग हमें नहीं देख सके और हम लोगों को नहीं देख पाए। इतना ही नहीं, जनकपुरी के बाद बड़हार की दावत होती है। इसके लिए राजा जनक ने हमें निमंत्रण ही नहीं दिया गया। जब कुछ लोगों ने उनसे इस बात को लेकर कहा तो दोपहर साढे़ तीन बजे उनका फोन आया, जबकि दावत शाम 4 बजे तक ही थी। जब उनका फोन आया तो तब तक मेरा पारा हाई हो चुका था।
दो पार्षदों का उपद्रव
राजा दशरथ बने अजय अग्रवाल ने जनकपुरी की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खडे़ किए हैं। उन्होंने कहाकि कमेटी में दो पार्षदों ने उपद्रव मचा रखा है। वो हर किसी के साथ अभद्रता कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहाकि जनकपुरी में राजा दशरथ का मंच पर बैठना जरूरी है, इसको लेकर जनकपुरी कमेटी के अध्यक्ष उनके पास आए थे। उन्होंने राजा जनक के व्यवहार पर अफसोस भी जताया।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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