चंदौली जिले के नियमताबाद ब्लॉक क्षेत्र में गड़ई नदी के किनारे बसे 12 गांवों के किसान इस वर्ष आई बाढ़ से अपनी फसलों के बर्बाद होने के बाद मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। लगातार पानी के भराव और तेज बहाव के कारण खेतों में खड़ी फसलें सड़ गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। किसानों का आरोप है कि तहसील प्रशासन की ओर से उन्हें अभी तक उचित मुआवजा नहीं मिला है, जिससे उनमें नाराजगी है। कठौड़ी, गोपालपुर और मदियुल गांव के किसानों, जिनमें पाखंडू गुप्ता, नरेश बिन्द, अली नवाज, अंकित यादव और परमजीत यादव शामिल हैं, ने बताया कि बाढ़ के कारण उनकी लागत भी नहीं निकल पाई है। इस स्थिति में वे अगली फसल की बुवाई को लेकर चिंतित हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उनके सामने परिवार के भरण-पोषण और आगामी खेती दोनों की चुनौती खड़ी हो गई है। स्थानीय किसानों ने यह भी बताया कि विभागीय कर्मचारी सरकारी सर्वे के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। इस कथित खानापूर्ति से किसानों में असंतोष है, क्योंकि उन्हें वास्तविक नुकसान के आकलन और समय पर मुआवजे की उम्मीद है। किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि बाढ़ से हुए नुकसान का निष्पक्ष सर्वे कराकर उन्हें जल्द से जल्द उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। उनका कहना है कि मुआवजे के बिना वे अगली फसल की बुवाई नहीं कर पाएंगे और उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ जाएगी। इस संबंध में मुगलसराय के एसडीएम अनुपम मिश्रा ने बताया कि लगभग सभी प्रभावित गांवों का सर्वे हो चुका है और कुछ बचे हुए गांवों में भी जल्द ही सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सर्वे के बाद किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा, ताकि वे अपनी अगली फसल की बुवाई आसानी से कर सकें।
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