मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत एक भटकी हुई किशोरी को उसके परिजनों से मिलाया। किशोरी घर से नाराज होकर मथुरा स्टेशन पहुंची थी, जिसे जीआरपी की क्यूआरटी टीम ने सुरक्षित परिजनों को सौंपा। यह घटना उस समय हुई जब उपनिरीक्षक कीरत कुमार और महिला कांस्टेबल नीलम की क्यूआरटी टीम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन पर चेकिंग और गश्त कर रही थी। इसी दौरान स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में एक किशोरी अकेली और परेशान हालत में घूमती हुई मिली। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि वह राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन स्थित पुरानी कचहरी क्षेत्र की निवासी है। उसने बताया कि वह घरवालों से किसी बात पर नाराज होकर लगभग 200 किलोमीटर दूर मथुरा आ गई थी। उसके पास न तो पैसे बचे थे और न ही घर जाने का कोई साधन। महिला कांस्टेबल नीलम ने किशोरी को तत्काल महिला हेल्प डेस्क पर ले जाकर सुरक्षित बैठाया और उसे मानसिक रूप से सहज किया। इसके बाद, किशोरी से मिली जानकारी के आधार पर उसके परिजनों से संपर्क किया गया। सूचना मिलने पर परिजन मथुरा पहुंचे। जीआरपी थाने में अपनी बेटी को सुरक्षित पाकर उन्होंने राहत महसूस की। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक यादव ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई नियमित गश्त के दौरान की गई। किशोरी को पूरी संवेदनशीलता और सुरक्षा के साथ परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने जीआरपी मथुरा पुलिस का आभार व्यक्त किया और पुलिस के इस मानवीय कार्य की सराहना की। यह घटना ‘मिशन शक्ति’ के उद्देश्यों को दर्शाती है, जिसमें नारी सुरक्षा के प्रति पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता उजागर हुई।
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