PMCH में भले ही हड़ताल खत्म हो गई है। पेशेंट दिखाने पहुंच रहे हैं। लेकिन इमरजेंसी वॉर्ड में बुधवार के दिन हुई घटना को अभी भी पटना सिटी के रहने वाले अमन सिंह भूल नहीं पा रहे हैं। अमन ने कहा कि PMCH में पिता को एडमिट कराना मेरी बड़ी गलती थी। इस जन्म में तो अब कभी PMCH नहीं जाऊंगा। वहां डॉक्टर्स के रूप में भगवान नहीं रावण हैं। दरअसल 30 नवंबर को पटना सिटी सुल्तानगंज के रहने वाले अमन सिंह ने ब्रेन हेमरेज के बाद अपने पिता को PMCH में एडमिट कराया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक के बेटे अमन सिंह के मुताबिक उन्होंने जब कंडीशन उनके पिता की बिगड़ी, डॉक्टर ने ECG कराने के लिए बोला। वो ECG के लिए जब लेकर जा रहे थे, उस समय ऑक्सीजन मास्क निकाल दिया गया। जबकि अमन ने ऑक्सीजन मास्क नहीं हटाने का रिक्वेस्ट किया था। पिता को दोबारा चेक करने की बात पर भड़के डॉक्टर इसके बाद जब उनकी मौत हो गई तो वहां अमन की बहन भी मौजूद थी। उसने डॉक्टर से रिक्वेस्ट किया कि एकबार रिपीट जांच कर लीजिए सर, बॉडी गरम लग रही है। इस बात पर जूनियर डॉक्टर भड़क गया और हाथ पर मार दिया। इसके बाद बवाल बढ़ता चला गया। अमन का आरोप है कि इस दौरान 40 डॉक्टर्स ने कंट्रोल रूम के पास एक कमरे में बंधक बनाकर डेढ़ घंटे तक पीटा। 1.5 लाख के आईफोन छीन लिए और 1 लाख रुपए भी रख लिए। जो अब तक उन्हें नहीं मिले हैं। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है पुलिस से जब कार्रवाई के बारे में सवाल पूछा गया तो थानेदार सज्जाद गद्दी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। छानबीन हो रही है। मोबाइल और रुपए को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी छानबीन हो रही है। मतलब साफ है, पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा इस मामले में आगे नहीं बढ़ पाई है। पीड़ित को उसके रुपए और मोबाइल भी नहीं मिले हैं।
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