सिटी रिपोर्टर |औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में शुक्रवार को निरीक्षी जज के तौर पर पधारे पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति हरीश कुमार ने पूरे न्यायालय परिसर का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न अदालतों में चल रहे न्यायिक कार्यों, बहस और गवाही को स्वयं देखा तथा न्यायिक व्यवस्था की गुणवत्ता पर संतोष जताया। न्यायमूर्ति हरीश कुमार ने व्यवहार न्यायालय में अवस्थित सभी न्यायालयों का भ्रमण किया। प्रधान जिला जज के न्यायालय में उन्होंने हसपुरा थाना कांड संख्या 73/25 से संबंधित ज़मानत अर्ज़ी पर चल रही सुनवाई देखी। परिवार न्यायालय में भरण-पोषण एवं विवाह विच्छेद वादों की बहस का अवलोकन किया।जिला जज प्रथम के न्यायालय में एससी-एसटी एक्ट के वाद में बहस,जिला जज द्वितीय में हत्या के मामले की सुनवाई,जिला जज तृतीय में गोह थाना क्षेत्र के हत्या प्रयास मामले की बहस,जिला जज चतुर्थ में बारूण थाना वाद में एपीपी की बहस तथाजिला जज पंचम में दहेज हत्या से जुड़े मामले की बहस को उन्होंने सुना।इसी प्रकार अन्य न्यायालयों का भी उन्होंने स्थलीय निरीक्षण कर न्यायिक कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। निरीक्षण के बाद उन्होंने न्याय मंडल औरंगाबाद के सभी न्यायाधीशों के साथ आवश्यक बैठक कर कई दिशानिर्देश दिए। इससे अनियमितताओं में कमी आएगी। इसके अतिरिक्त न्यायमूर्ति हरीश कुमार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्थित विधिक सेवा सदन में सैनेटरी नैपकिन ऑटोमेटिक मशीन का उद्घाटन किया। सचिव न्यायाधीश तान्या पटेल ने बताया कि इससे महिला कर्मियों, पैनल अधिवक्ताओं, पारा–विधिक स्वयंसेवकों और महिला पक्षकारों को सुविधा मिलेगी।इस अवसर पर प्रधान जिला जज राजकुमार वन और सचिव तान्या पटेल ने एक बाल चित्रकार आजाद जसोइया द्वारा बनाए गए निरीक्षी जज के चित्र को उन्हें भेंट किया, जिसकी न्यायमूर्ति ने सराहना की।
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