संभल शहर के तिरंगा मार्केट में शुक्रवार को हिंदू जागृति मंच ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। इस दौरान मंच ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा गांव ऐंचौड़ा कम्बोह स्थित श्रीकल्कि धाम में कल्कि अवतार की शास्त्रीय उद्घोषणा पर कड़ा एतराज जताया। रामभद्राचार्य ने कल्कि अवतार का समय वैसाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी को दिन में 12 बजे बताया है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे समाज में अनावश्यक भ्रम उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने भगवान श्रीकल्कि अवतार की जन्मभूमि और कल्कि जयंती की तिथि को लेकर रामभद्राचार्य महाराज के बयान पर आपत्ति व्यक्त की। अजय कुमार शर्मा ने भविष्य पुराण, कल्कि पुराण और श्रीमद् भागवत सहित विभिन्न धार्मिक ग्रंथों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक और ऐतिहासिक ग्रंथ कलयुग के अंतिम चरण में संभल को ही भगवान श्री कल्कि विष्णु की अवतरण भूमि बताते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को ही भगवान श्री कल्कि के अवतार होने का वर्णन मिलता है। इसी दिन संभल में कल्कि जयंती का महापर्व परंपरागत रूप से मनाया जाता है। आचार्य प्रमोद कृष्णम् सहित देशभर के कई विद्वान भी इसी तिथि को जयंती मनाते आ रहे हैं। अजय शर्मा ने आगे कहा कि आध्यात्मिक, सामाजिक और बौद्धिक जगत के अनेक विद्वानों ने भी संभल को कल्कि अवतार स्थली स्वीकार किया है। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने भी संभल के श्री विष्णुयश शर्मा के परिवार को अवतार स्थान के रूप में स्वीकार किया है और वर्षों से यही संदेश जन-जन तक पहुंचाया है। उन्होंने ऐसी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं को अचानक खारिज करने या भ्रम फैलाने को समाज के साथ धोखा बताया। अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि किसी भी बड़े मंच या संत को इस विषय पर कोई बयान देने से पहले पर्याप्त शास्त्रार्थ करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि संभल की धार्मिक विरासत और मान्यता को कमजोर करने का कोई भी प्रयास छल और प्रपंच ही माना जाएगा, जिसे धर्म प्रेमी और संभल वासी कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
https://ift.tt/lY7QcoP
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply