बरेली में 2016 के एक चर्चित दुष्कर्म मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। पॉक्सो-03 कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी पंकज को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ 10,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर उसे तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामला थाना हाफिजगंज क्षेत्र का है। जुलाई 2016 में एक महिला ने अपने गांव के युवक पंकज पुत्र नत्थूलाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता की मां ने बताया था कि आरोपी लंबे समय से उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करता था। शिकायत के अनुसार, 22 जुलाई 2016 की रात करीब 11:30 बजे आरोपी दीवार फांदकर घर में घुस आया और कमरे में सो रही नाबालिग का मुंह दुपट्टे से बांधकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता की चीख सुनकर मां जाग गई, लेकिन आरोपी उसे धक्का देकर फरार हो गया। मामले में धारा 4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कुल आठ गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 05 दिसंबर को पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी पंकज को दोषी करार दिया। अदालत ने उसे धारा 4 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपए अर्थदंड की सजा दी। इसके अलावा धारा 452 भादवि में तीन वर्ष का कारावास और 1,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। कुल 11,000 रुपए का अर्थदंड निर्धारित किया गया है।
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