DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

‘हाँ, मैंने ही सुपारी दी और गलत लड़की मर गई’:मैं पति की गर्लफ्रेंड को रास्ते से हटाना चाहती थी, 3 लाख में शूटर हायर किए, पत्नी का ‘कन्फेशन’

थंबनेल: शिवानी निर्दोष थी… “मेरा घर बर्बाद हो रहा था, मुझे लगा मैं उसे रास्ते से हटा दूंगी तो मेरा परिवार बच जाएगा। मेरे पति फिर मुझसे प्यार करने लग जाएंगे। लेकिन एक गलती ने सब कुछ बिगाड़ दिया, मैंने तीन लाख में सुपारी दी थी, शूटर ने गलत लड़की का मर्डर कर दिया। वो दोनों एक जैसी स्कूटी से आती थीं, इसी कन्फ्यूजन में उसकी हत्या हो गई।” ये कबूलनामा उस हुस्न आरा का है जिसने अपने पति की गर्लफ्रेंड की हत्या की साजिश में एक गलत लड़की का मर्डर करवा दिया। वो गलत लड़की अररिया में BPSC टीचर शिवानी वर्मा निकली। जो यहां दो साल से पढ़ा रही थी। पुलिस ने दो दिन में 500 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले, हत्यारोपियों का रूट ट्रैस किया, हाईटेक बाइक बरामद की और वीडियो के आधार पर अपराधियों को भी पकड़ लिया। शिवानी की हत्या कैसे हुई? हुस्न आरा ने कितने में सुपारी दी? शूटर कहां के थे..? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ने उन पुलिस कर्मियों से बात की, जिन्होंने तीनों आरोपियों से पूछताछ की। पढ़िए उनका कबूलनामा…? सबसे पहले जानिए पूरा मामला क्या था, कन्फ्यूजन में मर्डर अररिया में 3 दिसंबर को BPSC टीचर शिवानी वर्मा की हत्या कर दी गई। 25 वर्षीय शिवानी सुबह स्कूल पढ़ाने के लिए जा रही थी तभी बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी। घटना के बाद जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस भी हैरान रह गई। हत्या इसलिए हुई, क्योंकि शूटर्स ने गलत लड़की को निशाना बना दिया। क्योंकि स्कूटी का रंग और रास्ता दोनों शिक्षिकाओं का एक जैसा था। शुक्रवार को पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया। साजिशकर्ता और दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी हुस्न आरा ने अपने पति की गर्लफ्रेंड को रास्ते से हटाने के लिए 3 लाख की सुपारी दी थी। लेकिन घटना वाले दिन वो लड़की छुट्टी पर थी। उसी रूट पर लाल स्कूटी से आने वाली दूसरी शिक्षिका शिवानी को शूटर्स ने गोली मार दी। अब जानिए पुलिस ने साजिश कर्ता हुस्न आरा ने क्या बताया हुस्न आरा बोली- मेरा परिवार टूट रहा था, इसलिए मर्डर की साजिश रची गिरफ्तारी के बाद हुस्न आरा ने पुलिस को बताया, “मुझे अपने पति पर पहले कभी शक नहीं हुआ था। पर पिछले तीन महीनों से उनके व्यवहार में अजीब बदलाव था। घर देर से आना, चुप रहना, फोन को छुपाना एक-एक बात मेरे दिल पर बोझ बनती जा रही थी। एक दिन मैंने गलती से उनका फोन खोल लिया और उसमें एक महिला टीचर के मैसेज थे ‘कल स्कूल के बाहर मिलना’ मेरा दिल बैठ गया।” ‘मैंने पति से पूछा। वे टालते रहे। मैं रोई, चिल्लाई, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। मेरी नींद उड़ गई। मुझे लगा एक दूसरी औरत मेरी जिंदगी में आ गई है। मैंने पहली बार उस लड़की को देखा लाल स्कूटी, स्कूल की ओर जाते हुए।’ ‘मैं टूटना नहीं चाहती थी। अपने परिवार को बचाना चाहती थी, मैंने राजा नाम के एक आदमी से बात की। उससे पूछा-‘क्या इसको रास्ते से हटाया जा सकता है?’ उसने हाँ कह दिया। दो लड़के देने का आश्वासन दिया, मारूफ और सोहैल। मैंने इस लड़की को रास्ते से हटाने का फैसला ले लिया’ ‘3 लाख रुपये में दोनों लड़कों से सुपारी तय हुई। एडवांस दिया। फोटो दी। रास्ता बताया। समय बताया। 3 दिसंबर की सुबह फोन आया ‘काम हो गया।’ कुछ मिनटों तक मैं चुप रही। फिर टीवी पर खबर आई। एक मासूम शिक्षिका शिवानी वर्मा को गोली मार दी गई। तभी राजा ने कहा-‘गलत लड़की मर गई।’ अब जानिए मारूफ ने पुलिस को क्या बताया: तीन लाख की लालच में आ गया मारूफ ने पुलिस को बताया, ‘हुस्न आरा जब मेरे पास पहली बार आई, तो मैंने सोचा—ये कोई मामूली लड़ाई है। पर जब उसने 3 लाख रुपये देने का भरोसा दिया, तो मेरा दिमाग लालच में पड़ गया, राजा ने कहा था-काम आसान है। लड़की रोज स्कूल जाती है। फोटो देखो, रास्ता देखो, बस करना है। मैंने कहा-‘अगर पकड़े गए?’ उसने कहा—‘भाभी सब देख लेगी।’ ‘हमने दो दिन रेकी की। पता चला कि दो लड़कियाँ उसी रास्ते से जाती हैं। दोनों लाल स्कूटी। दोनों लगभग एक ही सूरत में दिखती थीं, स्कार्फ बांधकर। 3 दिसंबर की सुबह हमने FZ बाइक निकाली और उसके रूट पर लग गए। पहली लड़की दिखी। सोहैल बोला-‘यही है।’ मैंने कहा- ‘कन्फर्म?’ उसने कहा- ‘लाल स्कूटी वाली यही है।’ ‘हमने बाइक ओवरटेक की। लड़की को शक भी नहीं हुआ। मैंने कमर से कट्टा निकाला, हेलमेट के पास से गोली चला दी। गोली उसकी गर्दन में लगी। वो गिर गई। हम भाग निकले। शाम तक पता चला कि हमने गलत लड़की को मारा। हम छुपते रहे पर CCTV और मोबाइल लोकेशन ने हमें पकड़वा दिया।’ सोहैल ने पुलिस को क्या बताया: हुस्न आरा ने रोते हुए कहा-मेरा घर बचाओ सुहेल ने पुलिस पूछताछ में बताया, ‘जब राजा ने काम बताया एक लड़की को हटाना है तो मैंने सोचा कि ये घरेलू झगड़ा होगा। हुस्न आरा ने रोते हुए कहा, उसने मेरा घर तोड़ दिया। मुझे पैसे भी मिल रहे थे। इसलिए मैने सोचा उसे किनारे लगा देते हैं। घटना वाले दिन हमने दोनों लाल स्कूटी वाली लड़कियों का इंतजार किया। पहली नहीं आई। दूसरी आई। और मैंने गलती कर दी। चेहरा छुपा था, हेलमेट था… मैंने कहा-‘यही है।’ मारूफ ने गोली चलाई, और वो गिर गई। शाम तक पता चला कि जिस लड़की को हटाना था, वो छुट्टी पर थी… हमने गलत लड़की मारी।’ पुलिस इन्वेस्टिगेशन: कैसे पुलिस अपराधियों तक पहुंची अररिया के SP अंजनी कुमार ने बताया कि घटना के बाद SIT बनाई। सबसे पहले CCTV फुटेज से बाइक का रूट ट्रेस किया गया। फुटेज में FZ बाइक के कुछ हिस्से और अधूरी नंबर प्लेट दिख रही थी। टीम ने उस रूट पर मौजूद सभी पेट्रोल पंप, दुकानों और घरों से 12 घंटे में 21 CCTV फुटेज इकट्ठा किए। ट्रैक मिला कि बाइक फारबिसगंज की तरफ गई थी। इसके बाद पुलिस ने मोबाइल टावर की लोकेशन निकाली, उसी समय दो मोबाइल नंबर एक ही रूट पर ट्रैवल कर रहे थे। एसपी ने बताया कि सबसे बड़ा ब्रेक तब मिला जब मारूफ का नंबर उस दिन हुस्न आरा के फोन से 4 बार कनेक्ट हुआ था। फोन टेपिंग के बाद पुलिस को समझ आया यह सिर्फ प्रेम संबंध नहीं, बल्कि हत्या की साजिश है। 6 दिसंबर की सुबह पुलिस ने फारबिसगंज में छापेमारी कर हुस्न आरा, मारूफ और सोहैल को गिरफ्तार कर लिया। उनके बयान एक-दूसरे से मैच कर गए। बाइक, कट्टा और अपराध के दौरान पहने कपड़े भी बरामद हुए। बहन के आरोप-‘मेरी बहन निर्दोष थी, उसे सिर्फ गलती से मार दिया गया शिवानी की बहन ने रोते हुए कहा- “मेरी दीदी को किसी से दुश्मनी नहीं थी। वो सिर्फ पढ़ाकर घर लौटती थीं। क्या उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उनकी स्कूटी का रंग लाल था?” परिवार का दर्द साफ था। पिता बोले- “मेरी बेटी उत्तर प्रदेश से बिहार पढ़ाने आई थी, किसी की दुश्मनी का हिस्सा भी नहीं थी। बस एक पत्नी ने जलन में मासूम की जान ले ली।” बहन ने सवाल उठाया- “अगर पुलिस पहले से उस लड़की को सुरक्षा देती, जो असली लक्ष्य थी, तो शायद मेरी बहन जिंदा होती। क्या अब हर लड़की जो लाल स्कूटी चलाए, वह डरते हुए घर जाएगी?” परिवार ने सरकार से फास्ट-ट्रैक कोर्ट, मुआवजा और सख्त सजा की मांग की है। टाइमलाइन (घटना की पूरी क्रमवार कहानी) 1 नवंबर – 10 नवंबर: हुस्न आरा को शक होता है कि उसका पति एक महिला टीचर से प्रेम संबंध में है। 20 नवंबर: हुस्न आरा ने राजा के जरिए मारूफ और सोहैल से संपर्क किया। 28 नवंबर: दोनों लड़कों से 3 लाख में महिला टीचर को हटाने का सौदा तय हुआ 29–30 नवंबर: दोनों शिक्षिकाओं की रेकी। पता चलता है कि दोनों लाल स्कूटी से एक ही रूट पर जाती हैं। 3 दिसंबर, सुबह 7:45 बजे: जिसे मारना वो छुट्टी पर। शिवानी स्कूटी से स्कूल के लिए निकलती हैं। 8:05 बजे: शूटरों की बाइक शिवानी की स्कूटी के पीछे लगती है। 8:10 बजे: अररिया–फारबिसगंज रोड पर बाइक सवार बदमाश उनकी गर्दन में गोली मार देते हैं। 8:30 बजे: अस्पताल में डॉक्टर मृत घोषित करते हैं। 4–6 दिसंबर: SIT CCTV, मोबाइल लोकेशन और बाइक नंबर के आधार पर आरोपियों तक पहुंचती है। 6 दिसंबर: हुस्न आरा, मारूफ और सोहैल गिरफ्तार, पूरी घटना पुलिस के सामने कुबूल कर ली।


https://ift.tt/kTVqvLK

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *