खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आईसीसीएमआरटी, इंदिरा नगर में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्शिरि ने की। कार्यशाला में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का शुभारंभ गांधीजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। अपने संबोधन में मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्शिरि ने PMEGP की नीतियों में सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 से 2025 तक इस योजना ने लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। श्शिरि ने यह भी जानकारी दी कि प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये से अधिक की धनराशि मार्जिन मनी के रूप में जारी की जाती है। उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को विशेष सहयोग देने और स्टार्ट-अप युग में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को गति देने पर बल दिया। योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की राज्य निदेशक डॉ. नितेश धवन ने PMEGP की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और वर्ष 2024-25 के बीच अपेक्षित सकारात्मक बदलावों के बारे में बताया। सह निदेशक आशुतोष कुमार सिंह ने भी योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। कानपुर उद्योग विभाग के संयुक्त आयुक्त उमेश चंद्र ने PMEGP को एक लचीली योजना बताते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलाने का आह्वान किया। संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ यादव ने लंबित प्रस्तावों और भौतिक सत्यापन से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। खुली चर्चा सत्र आयोजित किया गया एसएलबीसी, बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह ने बैंकों को उनके लक्ष्य पूरे करने पर बधाई दी। उन्होंने लंबित प्रस्तावों के शीघ्र निस्तारण और द्वितीय ऋण (सेकंड लोन) को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कार्यशाला के दौरान सफल उद्यमियों ने अपनी प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं। इसके अतिरिक्त, खुली चर्चा सत्र में विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों ने अपनी समस्याएँ बताई , जिनका मौके पर ही समाधान किया गया।उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक को प्रथम, पंजाब नेशनल बैंक को द्वितीय और बैंक ऑफ बड़ौदा को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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