गोरखपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद टोरेंट पावर कंपनी आगरा में मुख्यमंत्री की बिजली बिल राहत योजना 2025 लागू नहीं कर रही है। समिति ने कहा कि लगातार नियमों की अनदेखी करने वाली कंपनी का फ्रेंचाइजी करार तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। संघर्ष समिति ने बताया कि योजना लागू हुए पांच दिन बीत गए हैं, लेकिन टोरेंट पावर कंपनी उपभोक्ताओं को मूलधन पर छूट नहीं दे रही। समिति ने इसे उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ बताया और कहा कि इससे निजी कंपनियों का उपभोक्ता-विरोधी रवैया स्पष्ट हो रहा है। 16 वर्षों का करार उल्लंघन- 2200 करोड़ का बकाया
समिति ने आरोप लगाया कि टोरेंट कंपनी पिछले 16 साल से फ्रेंचाइजी करार का उल्लंघन कर रही है और इस दौरान 2200 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया जमा किए बिना रखा है। ऐसे गंभीर उल्लंघन को देखते हुए समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तुरंत करार रद्द करने की मांग की। संघर्ष समिति ने बताया कि टोरेंट पावर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने डीवीवीएनएल को पत्र भेजकर कहा था कि बिना स्पष्ट प्रतिपूर्ति तंत्र के मूलधन पर छूट देना वित्तीय रूप से संभव नहीं है। इसके बावजूद निगम के स्पष्टीकरण के बाद भी कंपनी ने राहत योजना लागू नहीं की। विभागीय संयोजनों पर मीटर लगाने का विरोध
समिति ने विभागीय संयोजनों पर जबरन मीटर लगाने और कनेक्शन काटने की कार्रवाई को नियमों और समझौतों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि मीटर न लगवाने वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के कनेक्शन काटना असंवैधानिक है। समिति ने इस तानाशाही रवैये के खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू करने की चेतावनी दी। 373वें दिन भी आंदोलन जारी
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के 373वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा। समिति ने कहा कि जब तक उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियां वापस नहीं ली जातीं, तब तक आंदोलन और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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