आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र में 4 जून 2023 की रात हुए बलवा और मारपीट के विवादित मामले में कोर्ट ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। यह फैसला सीजेएम मृत्युंजय श्रीवास्तव ने सुनाया। आरोपियों पर वादी और उसके भाई के साथ गाली-गलौज, धमकी और घातक चोट पहुंचाने का आरोप था। मुकदमे के अनुसार, वादी अब्दुल कासिम अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था, तभी आरोपी हसन, सानू, शहीद, सोहेल, समीर और बबलू ने उसके साथ गाली-गलौज की और मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। वादी के भाई ने बचाने का प्रयास किया तो उसके साथ भी लाठी-डंडे, घूंसे और लात-घूंसे से मारपीट की गई, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। कोर्ट में विचारण के दौरान वादी और उनके भाई ने अपने पूर्व कथन से मुकरने के कारण साक्ष्यों का अभाव सामने आया। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता बबिता शर्मा ने तर्क प्रस्तुत किया कि गवाहों और साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को दोषी ठहराना न्यायसंगत नहीं होगा। इसी तर्क को ध्यान में रखते हुए सीजेएम ने सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले से यह स्पष्ट हुआ कि बिना सटीक साक्ष्य और विश्वसनीय गवाहों के गंभीर अपराध के आरोप भी साबित नहीं किए जा सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि न्याय प्रक्रिया में प्रमाण की भूमिका निर्णायक होती है और केवल आरोपों पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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