फिरोजाबाद के जसराना थाना क्षेत्र में 2020 के एक चर्चित हत्याकांड में पुलिस की प्रभावी पैरवी के बाद आरोपी को कड़ी सजा मिली है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित के निर्देशन में चल रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत, अदालत ने शुक्रवार को रामू सिंह को अपने चाचा की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह घटना 1 जून 2020 को ग्राम पंचला में हुई थी। मृतक राजबहादुर सिंह ने अपनी दो बीघा जमीन अपने पोते दीपक राघव के नाम कर दी थी। मृतक के भतीजे रामू सिंह ने इसका विरोध किया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। आरोपी रामू सिंह ने कुल्हाड़ी से हमला कर राजबहादुर की हत्या कर दी थी। घटना के बाद दीपक राघव की तहरीर पर थाना जसराना में मुकदमा संख्या 277/2020, धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 15 दिनों के भीतर प्रभावी साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपी रामू सिंह को 6 जून 2020 को एसओजी, सर्विलांस और जसराना पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के पर्यवेक्षण और सीओ शिकोहाबाद के नेतृत्व में मॉनिटरिंग सेल तथा पुलिस टीम ने इस मामले में लगातार प्रभावी पैरवी की। एएसजी एफटीसी-02 अदालत ने सभी प्रस्तुत साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए अभियुक्त रामू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सजा दिलाने में विवेचक निरीक्षक अनूप भारती, अभियोजक अजय कुमार यादव, पुलिस मॉनिटरिंग सेल और पैरोकार हेड कॉन्स्टेबल जगदीश की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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