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नए डिजिटल सुविधा केंद्रों का किया उद्घाटन:निरीक्षी जज ने किया औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण, लंबित मामलों का अवलोकन

व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में शुक्रवार को निरीक्षी जज न्यायमूर्ति हरीश कुमार ने पूरे न्यायालय परिसर का विस्तृत निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में चल रहे न्यायिक कार्य, बहस, गवाही और लंबित मामलों की अद्यतन स्थिति का अवलोकन किया। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि निरीक्षी जज सुबह से ही सभी कोर्टों का निरीक्षण करते हुए न्यायिक प्रक्रियाओं की समीक्षा करते रहे। इस क्रम में उन्होंने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हसपुरा थाना कांड संख्या 73/25 के जमानत याचिका पर हो रही सुनवाई देखी। इसके अलावा परिवार न्यायालय में भरण-पोषण और विवाह विच्छेद वाद में प्रस्तुत बहस को भी सुना। बहस का भी अवलोकन किया जिला जज प्रथम कोर्ट में एससी-एसटी एक्ट से संबंधित वाद की बहस, जिला जज द्वितीय कोर्ट में हत्या के मामले की सुनवाई, जिला जज तृतीय कोर्ट में गोह थाना क्षेत्र के हत्या के प्रयास से जुड़े वाद और जिला जज चतुर्थ कोर्ट में बारुण थाना क्षेत्र के मामले में एपीपी की ओर से प्रस्तुत बहस का भी अवलोकन किया। वहीं, जिला जज पंचम में दहेज हत्या से जुड़े गंभीर मामले की बहस को भी उन्होंने सुना। निरीक्षण के क्रम में न्यायमूर्ति हरीश कुमार ने अन्य अदालतों का भी दौरा किया और न्यायिक कार्यों की स्थिति का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। इसके बाद उन्होंने न्याय मंडल औरंगाबाद के सभी न्यायाधीशों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और न्यायिक कार्यों में पारदर्शिता, तीव्रता और तकनीकी सुदृढ़ीकरण पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर प्रधान जिला जज राजकुमार वन समेत सभी न्यायाधीश, नाजीर, कोर्ट मैनेजर, नगर थाना प्रभारी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सुरक्षा को लेकर सुबह से ही व्यवहार न्यायालय में कड़ी व्यवस्था की गई थी। डिजिटाइजेशन सेंटर का उद्घाटन व्यवहार न्यायालय की नई इमारत के 5वें तल्ले स्थित रिकॉर्ड रूम में पुराने अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन सेंटर का भी उन्होंने उद्घाटन किया। इस केंद्र में अब पुराने निष्पादित रिकॉर्ड स्कैन होकर डिजिटल रूप में संरक्षित किए जाएंगे, जिससे न्यायालयों में दस्तावेज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया और तेज होगी। सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी का शुभारंभ व्यवहार न्यायालय की लाइब्रेरी में सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी की शुरुआत भी न्यायमूर्ति हरीश कुमार की ओर से की गई। इस सुविधा के तहत न्यायाधीश अब पुराने कानूनी साहित्य एवं पुस्तकों को ऑनलाइन आवेदन कर सीधे डिजिटल रूप में प्राप्त कर सकेंगे। न्यायिक कंप्यूटिंग तकनीक के नोडल अधिकारी एसीजेएम संदीप कुमार सिंह की उनके नवाचार के लिए न्यायमूर्ति द्वारा सराहना की गई और इसे और विस्तार देने का निर्देश दिया गया। कॉपी विभाग सीआईएस से जुड़ा नकलखाना के कॉपी विभाग को भी शुक्रवार से सीआईएस पोर्टल से जोड़ दिया गया, जिससे अब चिरकुट फाइलिंग ऑनलाइन दर्ज होगी और पिठासीन पदाधिकारी सीधे इसे देख सकेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अनियमितताओं पर रोक लगेगी। सेनेटरी नैपकिन मशीन का उद्घाटन विधिक सेवा सदन में स्वचालित सेनेटरी नैपकिन मशीन का भी उद्घाटन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव न्यायधीश तान्या पटेल ने बताया कि इसका लाभ प्राधिकार में कार्यरत महिलाएं, महिला पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयंसेवक तथा महिला पक्षकार उठा सकेंगे।


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