बगहा में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी धाम स्थित बेलवा घाट परिसर में 149वीं नारायणी गंडकी महाआरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सैलानी, थरुहट क्षेत्र और सीमावर्ती नेपाल से श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि थरुहट के एचेल थारू, सत्येंद्र सिंह, विजय कुमार, सोनु चौधरी, जयदेव कुमार, चंद्रभान कुमार और सुमन सिंह सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। अतिथियों के बीच पौधों का वितरण किया गया इस दौरान पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अतिथियों के बीच पौधों का वितरण किया गया। मुख्य अतिथि एचेल थारू ने कहा कि नारायणी गंडकी महाआरती भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में पर्यावरण और सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करने का एक माध्यम है। उन्होंने बताया कि संस्था प्रत्येक पूर्णिमा को पौधारोपण और जागरूकता अभियान भी चलाती है। ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के लिए प्रकृति संरक्षण पर जोर विशिष्ट अतिथि सत्येंद्र सिंह ने संस्था द्वारा लावारिस और दिव्यांगजनों के बीच भोजन वितरण के कार्य की सराहना की। समाजसेवी आनंद कुमार ने ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के लिए प्रकृति संरक्षण पर जोर दिया। आचार्य पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण और मानव कल्याण की कामना की। ‘गंगा मैया की जय’, ‘वाल्मीकि धाम की जय’ और ‘धरती मैया की जय’ के नारों से घाट गूंज उठा महाआरती के दौरान “गंगा मैया की जय”, “वाल्मीकि धाम की जय” और “धरती मैया की जय” के नारों से घाट गूंज उठा। समाजसेवी आकाश कुमार के सौजन्य से न्यूट्री मिक्स का वितरण किया गया। महाप्रसाद की व्यवस्था स्वास्थ्य कर्मी कुमारी संगीता और फौजी विद्यासागर राणा द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन संगीत आनंद ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जयदेव कुमार ने किया। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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