मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गांधी मैदान में आयोजित पटना पुस्तक मेला 2025 का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद रहे। समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने अलग अलग प्रकाशन संस्थानों के स्टॉलों का अवलोकन किया। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने मुरली मनोहर श्रीवास्तव की पुस्तक ‘विकास पुरुष’ का विमोचन भी किया, जिसे पैंग्राम पब्लिशर्स ने प्रकाशित किया है। आयोजनकर्ता संस्था सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (CRD) के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने बताया कि यह पटना पुस्तक मेला का 41वां वर्ष है और इस बार मेला अपने कई ऐतिहासिक आकर्षणों के कारण विशेष होने वाला है। इस बार मेले की थीम-‘वेलनेस अ वे ऑफ लाइफ’ रत्नेश्वर ने कहा कि बिहार का यह लोक उत्सव सिर्फ पुस्तक मेला नहीं, बल्कि बौद्धिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों का महासंगम है। इस बार मेला ‘वेलनेस’ थीम पर केंद्रित है, जिसके तहत राष्ट्रीय स्तर का स्वास्थ्य-संवाद आयोजित होगा। डॉ. विकास शंकर के संयोजन में देश के शीर्ष डॉक्टर हृदय रोग, स्त्री-रोग, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, हड्डी रोग, मधुमेह, वृद्धजनों के स्वास्थ्य आदि विषयों पर सीधा संवाद करेंगे। दुनिया की सबसे महंगी पुस्तक ‘मैं’ की प्रदर्शनी पहली बार मेले का सबसे बड़ा आकर्षण साहित्यकार रत्नेश्वर द्वारा रचित दुनिया की सबसे महंगी पुस्तक ‘मैं’ की प्रदर्शनी है, जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपए है। हिन्दी और अंग्रेज़ी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध यह पुस्तक दुनिया के किसी भी पुस्तक मेले में पहली बार प्रदर्शित हो रही है। उम्मीद है कि इसे देखने 6 लाख से अधिक लोग आएंगे। इस बार मेले में कुल 200 स्टॉल लगाए गए है। प्रवेश व्यवस्था और विशेष छूट रामगुलाम चौक, गांधी मैदान के 10 नंबर गेट सहित तीन मुख्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। द्वारों के नाम: अगस्त्य मुख्य द्वार, विश्वामित्र मुख्य द्वार और चरक मुख्य द्वार है। सभी द्वारों पर टिकट काउंटर उपलब्ध रहेंगे। वहीं स्कूल ड्रेस में बच्चों की एंट्री फ्री होगी। सोमवार से शुक्रवार तक कॉलेज विद्यार्थियों को मुफ्त टिकट दिया जाएगा। इस बार पटना पुस्तक मेला समर्पित- कथाकार अवधेश प्रीत को एक्टिविटी जोन का नाम चर्चित शायर कासिम खुर्शीद के नाम पर रखा गया है। मेले में सभी मंच और भवन आचार्यों और महान गुरुओं के नाम पर हैं जिसमें धन्वंतरि प्रशासनिक भवन, व्यास मंच, कश्यप मंच, माधव कला दीर्घा, भृगु हॉल (सिनेमा-उनेमा), आचार्य सुश्रुत नुक्कड़ नाटक स्थल। 300 से अधिक कार्यक्रम हैं जिसमें कला, साहित्य, रंगमंच, सिनेमा, संवाद होगा। इस वर्ष मेले में 300+ कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें मुशायरा, कवि सम्मेलन, ज्ञान और गुरुकुल, युवा स्वर, कवि-पाठ, जनसंवाद, सिनेमा-उनेमा, आओ आओ नाटक देखो, कैंपस गतिविधियाँ, हमारे हीरो, स्कूल उत्सव, आदि। सिनेमा-उनेमा फिल्म फेस्टिवल कुमार रविकांत के संयोजन में हर दिन एक फीचर फिल्म, शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। पंकज त्रिपाठी की लाली और अखिलेंद्र मिश्रा की बारात जैसी फिल्में भी प्रदर्शित होंगी। सिनेमा विषयक संवाद में शामिल होंगे- त्रिपुरारी शरण, अनंत विजय, एन.एन. पांडे, विनोद अनुपम आदि। फिल्म जगत से कुणाल सिंह, प्रेमलता मिश्रा, और जयमंगल देव को सम्मानित किया जाएगा।
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