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एक आंख, सूंड जैसी नाक के साथ बच्चे का जन्म:बक्सर में रेयर बर्थ डिफेक्ट का मामला, हायर सेंटर रेफर

बक्सर के सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को एक अत्यंत दुर्लभ जन्म विसंगति (Rare Birth Defect) का मामला सामने आया, जिसने अस्पताल स्टाफ के साथ-साथ लोगों को भी हैरान कर दिया। प्रखंड के बड़का राजपुर निवासी रवि यादव की पत्नी रिंकू देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सुबह अस्पताल लेकर पहुंचे थे। ठीक 10:19 बजे उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन शिशु सामान्य बच्चों से बिल्कुल अलग था। नवजात के चेहरे की असामान्यता देखकर अस्पताल में मौजूद सभी लोग दंग रह गए। बच्चे की आंख केवल एक है, जो माथे के बीचों-बीच स्थित दिखाई दे रही है। वहीं नाक की जगह सूंड के समान एक छोटा उभार है, जिसमें सांस लेने के लिए छेद भी नहीं है। डॉक्टरों ने बच्चे को मुंह के सहारे ऑक्सीजन देकर जीवित रखने का प्रयास जारी रखा है। इस असामान्य स्वरूप के कारण उसे देखने के लिए अस्पताल में भीड़ लग गई। कोई बच्चे को भगवान गणेश का रूप बता रहा है तो कुछ लोग इसे एलियन जैसा बता रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया — साइकलोपिया की गंभीर स्थिति बक्सर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नमिता सिंह ने बताया कि नवजात को साइक्लोपिया (Cyclopia) नामक अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विकृति है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब गर्भ में भ्रूण के मस्तिष्क और चेहरे का समुचित विकास नहीं हो पाता। उन्होंने बताया, “इसमें आंखों के विकसित होने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है और दो आंखों की जगह एक ही आंख बनती है। वहीं नाक या तो विकसित नहीं होती या असामान्य स्थान पर बनती है। यह घातक जन्मजात दोष है और ऐसे बच्चों के जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है।” जेनेटिक कारणों और स्वास्थ्य जांच की कमी पर भी डॉक्टरों की चिंता डॉक्टरों ने बताया कि इसके पीछे माता-पिता के जेनेटिक कारण, क्रोमोसोमल असामान्यता, हानिकारक दवाओं या संक्रमण के प्रभाव सहित कई वजहें हो सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं द्वारा नियमित प्रसवपूर्व जांच (Antenatal Checkup) न कराना भी बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी के माध्यम से कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनका लाभ लेकर ऐसी जटिलताओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर नवजात की गंभीर स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को सूचना दी गई है और बच्चा उन्नत चिकित्सा सुविधा के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और प्रसवपूर्व उपचार की महत्ता को उजागर कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महिलाओं से गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच कराने और पोषण पर विशेष ध्यान देने की अपील की है।


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