रायबरेली की एमपी-एमएलए कोर्ट में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़े मामले में सुनवाई हुई। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं और उनके अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की है। यह मामला 3 दिसंबर को रायबरेली की एमपी-एमएलए कोर्ट में एक परिवाद दाखिल करने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद न्यायालय ने शहर कोतवाली पुलिस से 48 घंटे के भीतर प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की थी। पुलिस द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आज इस पर फिर से सुनवाई हुई। बेंगलुरु निवासी याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के संबंध में एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन दिया है। उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही हैं। शिशिर के अनुसार, यह भारत की राजनीति में पहली बार है कि कोई विदेशी नागरिक 20 साल से संसद में है। शिशिर ने यह भी बताया कि ब्रिटिश सरकार और भारतीय सरकार से उन्हें पासपोर्ट संबंधी जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि न्यायालय या पुलिस द्वारा मांगे जाने वाले किसी भी दस्तावेज को उपलब्ध कराने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। इस मामले में अधिवक्ता विंधेश्वरी पांडे ने बताया कि इसमें कई मजबूत साक्ष्य और आरोप हैं, जिनमें पासपोर्ट का मुद्दा और अपराधों की एक श्रृंखला शामिल है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद पुलिस से रिपोर्ट मंगाई है, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है या समन जारी किया जा सकता है। इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दीवानी न्यायालय परिसर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
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