सीजीएसटी गाज़ियाबाद आयुक्तालय के अधिकारियों ने एक बार फिर एक बड़े फर्जी इनवॉइस रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें ₹410 करोड़ के फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी किए गए थे। इस संगठित फर्जीवाड़े के जरिए ₹73.70 करोड़ का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया गया। इस बड़े कर-चोरी नेटवर्क को 40 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से चलाया जा रहा था, जिसे मुख्य आरोपी विनय सिंह, जो पेशे से अधिवक्ता हैं, द्वारा संचालित किया जा रहा था। आरोपी ने व्यक्तियों के KYC दस्तावेज़ों को जालसाज़ी/दुरुपयोग करके खुद को अधिकृत प्रतिनिधि (Authorised Representative) के रूप में ग़लत तरीक़े से पंजीकृत कर लिया था। वह सभी फर्जी फर्मों के GST पोर्टल, ई-वे बिल पोर्टल, TDS पोर्टल, तथा व्यक्तिगत ईमेल खातों के यूज़रनेम, पासवर्ड, और OTP अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त कर अकेले ही पूरा रैकेट चला रहा था। विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर, सीजीएसटी गाज़ियाबाद के एंटी-इवैज़न प्रकोष्ठ ने कार्रवाई शुरू की, जिसमें यह उजागर हुआ कि आरोपी केवल फर्जी GST इनवॉइस जारी करने के उद्देश्य से, बिना किसी वस्तु या सेवा की वास्तविक आपूर्ति के, इन फर्जी कंपनियों का संचालन कर रहा था। यह पूरा जाल सरकारी राजस्व को चूना लगाने की एक सुनियोजित कोशिश थी, जिसके तहत ₹410 करोड़ के संरचित फर्जी लेन-देन के इनवॉइस बनाये गए, और ₹73.70 करोड़ का फर्जी आईटीसी उपयोग किया गया। आरोपी को 05.12.2025 को CGST Act, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है, और उस पर धारा 132 के तहत दंडनीय अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। उसे न्यायिक हिरासत हेतु सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
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