अयोध्या जिले की 42 ग्राम पंचायतों को वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई विधानसभा की पंचायती राज समिति द्वारा उठाई गई ऑडिट आपत्तियों पर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत न करने के कारण की गई है। जिला मजिस्ट्रेट और जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने ये नोटिस भेजे हैं। विधानसभा की पंचायती राज समिति पंचायती राज संस्थाओं के कामकाज की जांच करती है। इसका मुख्य कार्य सरकारी रिपोर्टों की समीक्षा करना और विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। समिति का गठन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है और इसके सदस्य एक वर्ष के कार्यकाल के लिए होते हैं। समिति ने वर्ष 2010-11 से 2022-23 तक जिले की ग्राम पंचायतों के 700 से अधिक मामलों में ऑडिट आपत्तियां उठाई थीं। इनमें से 42 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिन्होंने कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद इन आपत्तियों पर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी कार्यालय इन रिपोर्टों का इंतजार कर रहा था, जिससे समीक्षात्मक रिपोर्ट भी लंबित थी। वसूली के नोटिस जारी होने के बाद इन ग्राम पंचायतों के प्रधानों और सचिवों में हड़कंप मच गया है। अब वे कई वर्षों से लंबित अनुपालन रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। वसूली नोटिस के दायरे में आई ग्राम पंचायतों में सर्वाधिक 12 तारुन ब्लॉक से और 10 रुदौली ब्लॉक से हैं। इसके अतिरिक्त, मवई और मया बाजार ब्लॉक से चार-चार, अमानीगंज और मिल्कीपुर ब्लॉक से तीन-तीन, सोहावल और बीकापुर से दो-दो, तथा मसौधा और हैरिंग्टनगंज ब्लॉक से एक-एक ग्राम पंचायत शामिल है। जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि विधानसभा की पंचायती राज समिति की ऑडिट आपत्तियों पर अनुपालन रिपोर्ट भेजने में जिले की कई ग्राम पंचायतें लापरवाही बरत रही थीं। उनके कार्यालय द्वारा प्रधानों और सचिवों को कई बार पत्र भेजे गए, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद, जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर अब वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं।
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