विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के जरिए मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम चल रहा है। गोरखपुर में अब तक 85 प्रतिशत से अधिक फार्म जमा हो चुके हैं। लेकिन विधानसभा क्षेत्रवार बात करें तो गोरखपुर ग्रामीण और गोरखपुर शहर की स्थिति काफी खराब है। जबकि बाकी 7 विधानसभा क्षेत्रों का औसत जिले के औसत से अधिक है। अब इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर शहरी आबादी से जुड़े इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में यह दशा क्यों है?
बूथ लेबल पर काम कर रहे राजनीतिक दलों के एजेंटों की मानें तो ज्यादातर लोग गांव से भी जुड़े हैं। वे अपना गणना प्रपत्र गांव के बूथ पर जमा करने में रुचि दिखा रहे हैं। एक डर लोगों में यह भी है कि दो जगहों पर नाम रह गया तो एफआईआर हो जाएगी। इस डर से भी लोग शहर में अपना फार्म जमा नहीं कर रहे हैं। शहर और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में SIR की धीमी प्रगति ने भाजपा नेताओं की चिंता भी बढ़ा दी है। CM योगी आदित्यनाथ को महानगर के भाजपा नेताओं की क्लास लगानी पड़ी। 3 दिसंबर को एनेक्सी भवन में हुई इस बैठक में लगभग 125 लोग शामिल रहे। गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह भी मौजूद थे। सूत्रों की मानें तो CM ने धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए अधिक से अधिक लोगों का फार्म जमा करवाने को कहा था। गोरखपुर ग्रामीण के विधायक को इसके लिए विशेष तौर पर हिदायत दी गई है। अब जानिए क्यों धीमी है प्रगति वरिष्ठ पत्रकार कुमार हर्ष बताते हैं कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो शिफ्ट हो चुके हैं। मेरी समझ से इसके कारण भी गणना प्रपत्र जमा करने की गति धीमी है। इसके साथ ही लोगों में एक भ्रम यह भी है कि यहां वोटर बन गए तो पंचायत चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे। इसलिए भी वे ग्रामीण क्षेत्र में ही अपना फार्म जमा कर रहे हैं। पंचायत चुनाव लड़ने के दावेदार भी अधिक से अधिक लोगों का फार्म वहीं से भरवा रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि पंचायत चुनावों की मतदाता सूची से SIR का कोई मतलब नहीं है। जहां तक राजनीतिक प्रभाव की बात है तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लगन के सीजन से भी आयी सुस्ती कुछ पार्षदों ने बताया कि लगन का सीजन होने के कारण SIR का फार्म भरवाने पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि सीएम ने सभी विधायकों से यह कहा था कि शादी-ब्याह से ज्यादा SIR पर ध्यान दें। माना जा रहा है कि अंतिम 3 से 4 दिनों में बड़े पैमाने पर फार्म इन विधानसभा क्षेत्रों में भी जमा हो सकते हैं। गोरखपुर ग्रामीण को लेकर ज्यादा चिंता गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में मात्र 72 प्रतिशत फार्म आए हैं। भाजपा को इसको लेकर ज्यादे चिंता है। भाजपा से जुड़े एक नेता का कहना है कि इस विधानसभा में जीत-हार का मार्जिन अधिक नहीं रहता। ऐसे में यदि हिन्दू मतदाता गांवों में शिफ्ट हो गए तो लड़ाई मुश्किल हो जाएगी। इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। ये मतदाता अपना फार्म जमा करने को लेकर भी काफी सतर्क हैं। ऐसे में भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। अब जानिए कहां, कितना प्रतिशत काम हुआ
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