भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो गया है। बस, चुनाव अधिकारी एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लखनऊ पहुंचकर चुनावी औपचारिकताएं पूरी कर नाम घोषित करना है। लखनऊ से दिल्ली तक चर्चा है कि खरमास (16 दिसंबर) लगने से पहले प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित हो जाएगा। बीते दिनों संसद के अपने कक्ष में यूपी के दो सांसदों, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यूपी बीजेपी का अध्यक्ष तय हो गया है। अध्यक्ष का नाम चौंकाने वाला नहीं होगा। बस इतना कहेंगे कि वह बहुत समझदार है। गृहमंत्री के इस कथन ने यूपी से दिल्ली तक उस ‘समझदार’ बीजेपी नेता की तलाश शुरू हो गई है जिसकी नए अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी होगी। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में 98 में से 84 जिलाध्यक्ष नियुक्त हो गए हैं। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने जनवरी 2025 में लखनऊ प्रवास के दौरान कहा था कि 15 जनवरी तक यूपी में अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। लेकिन करीब 11 महीना बीतने के बाद भी नाम का ऐलान नहीं हो सका। हालांकि, गृहमंत्री के बयान के बाद उम्मीद जताई जा रही कि 15 दिसंबर से पहले यूपी बीजेपी को नया मुखिया मिल जाएगा। शाह के समझदार वाले इशारे के मायने गृहमंत्री अमित शाह के कथन के बाद समझदार के मायने निकाले जा रहे हैं। शाह ने कहा कि नाम चौंकाने वाला नहीं होगा। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जो नाम चर्चा में चल रहे हैं उनमें से ही किसी एक की ताजपोशी होगी। वहीं ‘समझदार’ होगा से अंदाज लगाया जा रहा है कि वह व्यक्ति पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री शाह का भरोसेमंद होने के साथ ही राजनीतिक सूझबूझ वाला होगा। वह केंद्रीय नेतृत्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर सरकार के समन्वय और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला होगा। दोनों डिप्टी सीएम सहित छह मंत्री दावेदार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह सहित योगी सरकार के चार मंत्री प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पंकज चौधरी भी दौड़ में बताए जा रहे हैं। राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद, राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी, पूर्व मंत्री एवं मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा, एमएलसी विद्यासागर सोनकर और पूर्व मंत्री रामशंकर कठेरिया भी दावेदार माने जा रहे हैं। विलंब से प्रभावित हो रहे हैं काम प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित नहीं होने से पार्टी के मोर्चों, प्रकोष्ठों और विभागों के प्रमुखों की घोषणा नहीं हो सकी है। पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्षों और क्षेत्रीय टीमों की घोषणा भी होनी है। जानकार मानते हैं कि बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से संगठनात्मक कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। किसी ना किसी रूप में आगामी पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व चाहता है कि अब जल्द से जल्द प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करा दिया जाए। बीएल संतोष भी दे गए थे संकेत भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष भी बीते दिनों लखनऊ प्रवास के दौरान प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द करने का संकेत दे गए थे। सूत्रों के मुताबिक सीएम आवास पर कोर कमेटी की बैठक के बाद उन्होंने प्रदेश मुख्यालय पर पदाधिकारियों से बातचीत में भी कहा था कि जल्द घोषणा हो जाएगी। जो भी बनेगा वो 2027 में सीएम पद का दावेदार भी होगा राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष जो भी बनेगा वह 2027 में सीएम पद का दावेदार भी बनेगा। हालांकि, भाजपा चुनाव में किसी को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव नहीं लड़ती है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व अपने राजनीतिक एजेंडे के हिसाब से नाम तय करते हैं। 2017 में केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष थे, वह सीएम पद के दावेदार थे। 2022 में स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष थे, लेकिन सीएम योगी के सबसे करीबी होने के कारण उन्होंने सीएम पद के लिए ताल नहीं ठोकी। अलबत्ता सीएम योगी ने खुद स्वतंत्र देव को डिप्टी सीएम बनाने के लिए भरसक प्रयास किया था। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष भी आगामी समय में सीएम पद का दावेदार बनेगा। ———————— ये खबर भी पढ़ें… क्या चौथी बार यूपी से होगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष:पिछड़ा वर्ग से केशव और ब्राह्मण चेहरा डॉ. दिनेश शर्मा दावेदार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए यूपी से डिप्टी सीएम केशव मौर्य और राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं। दिल्ली में इस पर मंथन चल रहा है। अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर इन दोनों नेताओं में से किसी की ताजपोशी होती है, तो वह यूपी से भाजपा के चौथे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। बिहार चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। यूं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पिछड़े वर्ग से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल खट्टर जैसे बड़े नेताओं के नामों की चर्चा बीते कई दिनों से चल रही है। पढ़ें पूरी खबर
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