बस्ती शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। मालीटोला वार्ड नंबर 10 में रहने वाली लगभग 50 वर्षीय रूपा वर्मा का शव उनके कमरे से पांच दिन बाद बरामद हुआ। पड़ोसियों की सूचना, मोहल्ले की आशंकाओं और एसआईआर फॉर्म की प्रक्रिया के दौरान यह दर्दनाक खुलासा हुआ। रूपा वर्मा अपने घर में अकेली रहती थीं। पति का पहले ही निधन हो चुका था और उनकी कोई संतान नहीं थी। वह कम ही लोगों से मिलती-जुलती थीं। पड़ोसियों ने बताया कि तीन-चार दिनों से न लाइट जली थी, न फर्श साफ हुआ था, न ही वे बाहर दिखीं। इसके बाद मोहल्ले में अनहोनी की आशंका बढ़ गई। SIR फॉर्म भरवाने पहुंचे सभासद को हुई सबसे पहले शंका
वार्ड के सभासद दिनेश गुप्ता ने बताया कि वह 2 दिसंबर को एसआईआर फॉर्म भरवाने महिला के घर गए थे ताकि नाम कटने से बच सके। उन्होंने घटना का पूरा विवरण बताया। सभासद दिनेश गुप्ता ने बताया- जब हम दरवाजा खटखटाने गए तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। हमने मोहल्ले वालों से पूछा तो बगल वाली माता जी ने बताया कि 3-4 दिनों से ये न लाइट जला रही हैं, न झाड़ू-पोंछा कर रही हैं। हम लोगों को लगा तबीयत खराब होगी। फिर उनके घर सब्जी-दूध देने वाले लोगों से बात की—उन्होंने फोन मिलाया, पर फोन नहीं उठा। रात में मोहल्ले वाले गए, तब भी कोई आवाज नहीं मिली। अगले दिन भी स्थिति वही रही। रातभर नहीं खुला दरवाजा, तीसरे दिन पुलिस को सूचना
लगातार आवाज लगाने और दरवाजा न खुलने के बाद 3 दिसंबर को पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उसी दिन रिश्तेदारों से संपर्क कराने को कहा। रूपा वर्मा के रिश्तेदार मिर्जापुर में रहते थे। वे लगातार फोन करते रहे, पर उधर से कोई जवाब नहीं आया। रिश्तेदारों के पहुंचने पर टूटा शीशा, कमरे में मिली मोबाइल की रिंगटोन
गुरुवार को मिर्जापुर से रूपा वर्मा की बहन का परिवार बस्ती पहुंचा। इसके बाद सभासद और मोहल्ले वालों की मौजूदगी में कमरे का शीशा तोड़ा गया। जैसे ही शीशा टूटा, अंदर से मोबाइल की रिंगटोन सुनाई देने लगी। इसी से पुष्टि हुई कि महिला के कमरे में मोबाइल पड़ा है, लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहा। दरवाजा खुलवाकर जब अंदर घुसे तो देखा कि महिला का शव कमरे में पड़ा था और हल्की दुर्गंध भी आने लगी थी। तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन मेडिकल टीम ने बताया कि काफी समय पहले मौत हो चुकी थी। पड़ोसियों बोले- ‘बहुत कम बाहर आती थीं’
पड़ोसी मधु सिंह और रवि गुप्ता ने बताया- रूपा जी घर से बहुत कम निकलती थीं, किसी से ज्यादा बोलती नहीं थीं। कई दिनों से उन्हें न देखने पर हमें भी शक हुआ। गुरुवार दोपहर उनकी बहन का परिवार बस्ती पहुंचा। मूड़घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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