बक्सर के सिमरी प्रखंड के मुकुंदपुर गांव की दृष्टिबाधित बेटी अनु कुमारी जब वर्ल्ड कप जीतकर घर लौटीं, तो उनका स्वागत किसी बड़े सेलिब्रिटी की तरह किया गया। ढोल-नगाड़ों, फूलों की वर्षा और ऐतिहासिक जिप्सी पर निकले जुलूस ने पूरे जिले को गर्व से भर दिया। फाइनल में 24 रन और 3 विकेट, भारत को दिलाई जीत अनु कुमारी भारतीय ब्लाइंड वूमेन क्रिकेट टीम की सदस्य हैं। उन्होंने नेपाल के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 14 गेंदों पर 24 रन और 3 अहम विकेट लेकर भारत को वर्ल्ड कप जिताने में बड़ी भूमिका निभाई। उनके प्रदर्शन ने न सिर्फ बक्सर बल्कि पूरे बिहार का नाम रोशन कर दिया। भारत ने नेपाल के 114 रन के लक्ष्य को 12.1 ओवर में हासिल करते हुए 7 विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पुराना भोजपुर से महाराजा कोठी तक जुलूस गुरुवार दोपहर जब अनु अपने पैतृक गांव पहुंचीं, तो स्वागत में पूरा इलाका उमड़ पड़ा। जुलूस पुराना भोजपुर से शुरू होकर महाराजा कोठी तक निकाला गया। अनु इस दौरान डुमरांव महाराज स्वर्गीय कमल बहादुर सिंह की ऐतिहासिक जिप्सी पर सवार थीं, जिसे विशेष रूप से सजाया गया था। रास्ते भर ग्रामीणों ने फूल बरसाए और ढोल की थाप पर नाचते हुए उनका जोशपूर्ण स्वागत किया। महाराजा कोठी पहुंचने पर मानविजय सिंह, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि भरत चौधरी समेत कई लोगों ने उन्हें सम्मानित किया। बी-वन कैटेगरी की खिलाड़ी, मुजफ्फरपुर में लिया प्रशिक्षण अनु बी-वन कैटेगरी की दृष्टिबाधित खिलाड़ी हैं। उन्होंने क्रिकेट का प्रशिक्षण मुजफ्फरपुर ब्लाइंड वूमेन क्रिकेट टीम से लिया, जिसकी स्थापना वर्ष 2022 में दृष्टिबाधित डॉ. संगीता अग्रवाल ने की थी। टीम का संचालन शुभम विकलांग केंद्र द्वारा किया जाता है। श्रीलंका में 11 से 23 नवंबर तक आयोजित इस वर्ल्ड कप में भारत और नेपाल सहित 6 देशों की टीमें शामिल थीं। टूर्नामेंट के हर मैच में अनु के प्रदर्शन ने टीम की जीत में अहम योगदान दिया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी बढ़ाया हौसला विजय के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भारतीय टीम से मुलाकात कर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया। अनु ने इस सफलता को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कह, मेरे सपने यहीं खत्म नहीं होते, अब और बड़ी उड़ान भरनी है।
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