हरियाणा के दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस एसआईटी की जांच जारी है। अब एसआईटी ने जांच के दौरान आईपीएस के सुसाइड से पहले लिखे गए फाइनल नोट में शामिल 15 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। इस नोट में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी का भी नाम शामिल है। चंडीगढ़ एसआईटी ने सीएस रस्तोगी से सचिवालय ऑफिस में मुलाकात की। सचिवालय के पुख्ता सूत्रों का कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी टीम के मेंबर सीएम ऑफिस में करीब 30 मिनट तक रहे। ये भी पता चला है कि एसआईटी टीम के पास कुछ डॉक्यूमेंट थे, जिनको दिखाकर टीम ने सीएस से कई सवाल भी पूछे। यहां पढ़िए नोट में CS को लेकर क्या लिखा… फाइनल नोट के तीसरे पेज पर CS का जिक्र
आईपीएस वाई पूरन कुमार ने सुसाइड नोट से पहले लिखे फाइनल नोट के तीसरे पेज में आईएएस अनुराग रस्तोगी के नाम का जिक्र किया है। हालांकि तक अनुराग रस्तोगी गृह विभाग के एसीएस के पद पर तैनात थे। फाइनल नोट में लिखा है कि पूरे मामले पर अनुराग रस्तोगी, आईएएस एसीएस होम, हरियाणा सरकार के साथ 08.08.2024 को विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें डीओ नंबर 1211 दिनांक 21.08.2024 और डीओ नंबर 1375 दिनांक 25.09.2024 और अन्य के जरिए अर्ध-आधिकारिक पत्र भी लिखे, लेकिन आज तक किसी भी मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिना अवसर दिए शिकायत दर्ज की
इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपना बयान और दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने का अवसर दिए बिना ही मेरे द्वारा दी गई शिकायत को एकतरफा दर्ज कर लिया, जो मेरे खिलाफ उनके अंतर्निहित पूर्वाग्रह और प्रतिशोधी रवैये का प्रमाण है। मेरे बकाया (दोनों 2001 अधिकारी अनुसूचित जाति के हैं 1211 दिनांक 21.08.2024 को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नोटिस के बावजूद रस्तोगी, आईएएस एसीएस गृह द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है, जो संबंधित के जाति-आधारित पूर्वाग्रह के स्तर का प्रमाण है जो स्पष्ट रूप से मेरे खिलाफ पूरी साजिश का सबूत है। APAR की रिपोर्ट पेडिंग रखीं
मेरे वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) से कुछ टिप्पणियों को हटाने के लिए 30 अक्टूबर 2024 को एसीएस होम, हरियाणा सरकार को आवेदन दिया गया, जो इसका स्पष्ट उदाहरण है। इसके बाद एसीएस गृह, हरियाणा सरकार ने 12 नवंबर 2024 के तहत डीजीपी हरियाणा से टिप्पणियां मांगे जाने के बाद ये अपील हरियाणा के गृह विभाग के पास लंबित है। नोट में लिखा है कि कि इस आवेदन को एसीएस गृह और डीजीपी हरियाणा के कार्यालय में संबंधित द्वारा गलत तरीके से संभाला गया ताकि अपमानित किया जा सके। यहां पढ़िए आईपीएस फाइनल नोट में का जिस्ट… CBI जांच की उठ चुकी मांग
दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की सुसाइड मामले में सीबीआई जांच की मांग तक उठ चुकी है। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने माना कि इस मामले में अब तक की जांच में न तो कोई अनावश्यक देरी हुई और न ही लापरवाही बरती गई है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा कि स्वतंत्र एजेंसी को जांच सौंपने का कोई औचित्य नहीं बनता। याचिका निरस्त की जाती है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच पहले से ही विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है।अब तक 22 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूरा सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित किया जा चुका है और 21 साक्ष्य एकत्र कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। ————— ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा DGP पैनल में शत्रुजीत कपूर के नाम पर विवाद:IPS पूरन कुमार सुसाइड नोट में नाम, छुट्टी पर चल रहे; 7 नाम, सिंघल-चावला दौड़ में आगे हरियाणा को नए साल पर नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल जाएगा। सरकार ने इसको लेकर 7 आईपीएस अफसरों के नाम का पैनल तैयार कर लिया है। इस पैनल की सबसे खास बात यह है कि इसमें छुट्टी पर चल रहे आईपीएस अफसर शत्रुजीत कपूर का नाम पहले नंबर पर रखा गया है। (पूरी खबर पढ़ें)
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