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दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज, आईएमडी ने पांच दिसंबर को शीतलहर की चेतावनी दी

प्रदूषण में कई दिनों तक तेज वृद्धि और गिरावट दर्ज किये जाने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार शाम को एक बार फिर ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में पहुंच गई, जिससे सुबह की अल्पकालिक राहत खत्म हो गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 304 रहा, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।

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सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह के समय शहर की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार दर्ज किया गया था और यह आंकड़ा 299 रहा, लेकिन दोपहर बाद वायु गुणवत्ता स्तर फिर से ‘बहुत खराब’ हो गया।
सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी के 40 में से 27 निगरानी केंद्रों में पूरे दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, जबकि नेहरू नगर में एक्यूआई का स्तर 362 दर्ज किया गया।

सीपीसीबी के अनुसार, शून्य से 50 के बीच का वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने का अनुमान है।

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली के अनुसार, बृहस्पतिवार को परिवहन क्षेत्र ने राजधानी के प्रदूषण में 13.7 प्रतिशत योगदान दिया, जो स्थानीय स्रोतों में सबसे अधिक रहा।
इसके मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पड़ोसी इलाकों में हरियाणा के झज्जर से 11.8 प्रतिशत, रोहतक से 4.3 प्रतिशत, सोनीपत से 3.4 प्रतिशत और गुरुग्राम से 1.2 प्रतिशत योगदान दर्ज किया गया।


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