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मोतिहारी डीएम ने कृषि विज्ञान केंद्र परसौनी का निरीक्षण किया:कृषि नवाचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण गतिविधियों की ली विस्तृत जानकारी

मोतिहारी DM सौरभ जोरवाल ने गुरुवार को पदाधिकारियों की टीम के साथ कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) परसौनी का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में संचालित कृषि नवाचार, अनुसंधान कार्यों और किसानों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों का जायजा लिया। पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से उपलब्धियों की जानकारी केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. अभय कुमार सिंह ने डीएम को एक विस्तृत प्रस्तुति के जरिए केवीके की प्रगति, उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजना से अवगत कराया। उन्होंने पिछले छह वर्षों में केंद्र द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, ऑन-फार्म ट्रायल, अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण, जलवायु अनुकूल कृषि, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री उपलब्धता, वैज्ञानिक पद्धति से मछली पालन, ड्रोन तकनीक से उर्वरक छिड़काव जैसी गतिविधियों का विस्तार से उल्लेख किया। इसके अलावा विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों की समस्याओं के समाधान और प्रसार गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला गया। बायो फोर्टिफाइड गेहूं एवं समेकित कृषि प्रणाली का निरीक्षण डीएम जोरवाल ने बायो फोर्टिफाइड गेहूं की उन्नत किस्मों राजेंद्र गेहूं-3, राजेंद्र सुफलाम-1, DBW-187 के उत्पादन और परीक्षण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने केंद्र द्वारा किसानों के बीच आधुनिक किस्मों के प्रसार में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने समेकित कृषि प्रणाली (IFS), बीज उत्पादन क्षेत्र और विभिन्न डेमोंस्ट्रेशन यूनिट का दौरा किया और वैज्ञानिकों से विस्तृत जानकारी ली। संरक्षित खेती से 10 हजार की लागत में कमी विशेषज्ञों ने बताया कि संरक्षित खेती (Protected Cultivation) की तकनीक अपनाने पर गेहूं उत्पादन में लगभग 10,000 रुपए तक की इनपुट लागत कम की जा सकती है, जबकि उत्पादन पारंपरिक तरीके के बराबर रहता है। यह तकनीक किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। डीएम ने वैज्ञानिक पद्धति से संचालित मछली पालन इकाई, अनुसंधान कार्यों और देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध-पत्रों को देखकर संतोष जताया। अधिकारी भी रहे मौजूद निरीक्षण के दौरान अरेराज एसडीओ, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान, सहायक निदेशक रसायन सहित केवीके के वैज्ञानिक एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। यह निरीक्षण न केवल कृषि विज्ञान केंद्र की उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि जिले में आधुनिक और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


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