रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण कूटनीतिक कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आमंत्रित नहीं किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने इस घटनाक्रम को ‘लोकतंत्र की खूबसूरती पर धावा’ बताया है। प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू ने एक बयान में कहा कि भारत के संसदीय इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के भारत आगमन पर नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया। नेता प्रतिपक्ष को शामिल करने की परंपरा का सम्मान कांग्रेस नेताओं ने बताया कि पहले सभी सरकारों ने विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ आधिकारिक मुलाकातों में नेता प्रतिपक्ष को शामिल करने की परंपरा का सम्मान किया है। राहुल गांधी को निमंत्रण न भेजा जाना इस स्थापित परंपरा के विपरीत है। राहुल गांधी ने लोकसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “जब भी कोई बड़ा विदेशी मेहमान भारत आया है, विपक्ष के नेता को बुलाया गया है। मुझे क्यों नहीं बुलाया गया, यह समझ से परे है।” कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष से विदेशी मेहमानों की मुलाकातों को नियंत्रित करने और उनके विदेश दौरे को लेकर अधिकार केंद्र सरकार के पास केंद्रित कर दिए गए हैं। नेताओं का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति की 4 और 5 दिसंबर की भारत यात्रा के दौरान नेता प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलना देश की एकजुटता का सकारात्मक संदेश देता। कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की ‘मनमानी’ बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष को दरकिनार करना एक अनुचित परंपरा को जन्म देता है।
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