गाजीपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 593 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सिंदूर घोटाला और गहनों की चोरी जैसी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। योजना के तहत 700 से अधिक जोड़ों के विवाह का लक्ष्य था, लेकिन 591 हिंदू और 2 मुस्लिम जोड़े ही विवाह के लिए पहुंचे। विवाह समारोह के दौरान दूल्हों को सिंदूरदान के लिए सिंधोरा (सिंदूरदानी) दिया गया, लेकिन उसमें सिंदूर नहीं था। दूल्हों को मजबूरन पूजा की थाली में रखे सिंदूर से रस्म पूरी करनी पड़ी। दूल्हा-दुल्हन ने स्वयं सिंधोरा खोलकर दिखाया कि वह खाली था। इस मामले पर कार्यक्रम में मौजूद मुख्य विकास अधिकारी संतोष वैश्य ने पूरी विवाह प्रक्रिया को सही बताया। उन्होंने स्वीकार किया कि सिंदूरदान थाली में रखे सिंदूर से किया गया, जिससे यह पुष्टि हुई कि सिंधोरा में सिंदूर मौजूद नहीं था। कई महिलाओं के मंगलसूत्र, चेन और अन्य गहने चोरों ने उड़ा लिए। इस बार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में राशि 51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई थी, जिससे दुल्हनों को मिलने वाले सामान में वृद्धि हुई थी।
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