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इटावा के UPUMS में पहला रिसर्च शोकेस एंड ओरेशन:NCD शोध, मेडिकल इनोवेशन को मिलेगा नया आयाम, विशेषयों ने दिए व्याख्यान

इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस) में गुरुवार को प्रथम रिसर्च शोकेस एंड ओरेशन-2025 का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) विनय पाठक, कुलपति, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर तथा विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) सोनिया नित्यानंद, कुलपति-किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत में एसोसिएट डीन (रिसर्च) डॉ. सविता अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की शोध उपलब्धियों, चल रहे प्रोजेक्ट्स और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैकल्टी एवं छात्रों के योगदान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यूपीयूएमएस अब तक 50 से अधिक पेटेंट दायर कर चुका है तथा विभिन्न विभागों में उच्च स्तरीय रिसर्च कार्य प्रगति पर है। कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने अपने संबोधन में मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज़ (NCDs) पर केंद्रित शोध आने वाले समय की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विभागों के बीच इंटरडिपार्टमेंटल रिसर्च कोलैबोरेशन को और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, रिसर्च स्कॉलर्स को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव व स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा भी की। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) सोनिया नित्यानंद ने स्टेम सेल रिसर्च में अपने व्यापक अनुभव पर आधारित व्याख्यान प्रस्तुत किया। स्टेम सेल चिकित्सा के क्षेत्र में उनके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय योगदान को विशेष सराहना प्राप्त है। उनका संबोधन छात्रों एवं युवा शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत प्रेरक रहा। मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) विनय पाठक ने कहा कि रिसर्च के क्षेत्र में भारत के पास विश्व नेतृत्व की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि यदि देश के विश्वविद्यालय अनुसंधान को इसी गति से आगे बढ़ाते रहे तो आने वाले वर्षों में भारत अमेरिका और चीन जैसे देशों को भी पीछे छोड़ सकता है। उन्होंने यूपीयूएमएस द्वारा चिकित्सकीय अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना की तथा संकाय सदस्यों व छात्रों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा उत्कृष्ट शोध प्रोजेक्ट्स, क्लीनिकल इनोवेशन, पब्लिक हेल्थ स्टडीज़ व तकनीकी नवाचारों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही उच्च स्तरीय शोध कार्य करने वाले एवं पेटेंट प्राप्त करने वाले संकाय सदस्यों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। इस ऐतिहासिक समारोह में विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्य, शोधकर्ता और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम को कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह के दूरदर्शी, नवाचार उन्मुख और शोध-केंद्रित नेतृत्व का परिणाम माना जा रहा है, जिसके चलते यूपीयूएमएस चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान उत्कृष्टता के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है।


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