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हाजीपुर स्टेशन से चोरी बच्चे का 3.50 लाख में सौदा:रेल पुलिस ने 2 साल के बच्चे को किया रिकवर, डॉक्टर ने नि:संतान दंपती को दिलवाया था

मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने गुरुवार को बच्चा चोरी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। रेल पुलिस ने मामले में एक बच्चे की सकुशल बरामदगी भी की है। साथ ही तीन महिला समेत कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। एक मुख्य आरोपी फरार है, जो समस्तीपुर का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर बताया जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है। दरअसल, 3 अक्टूबर की रात हाजीपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर सुमित कुमार अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सोए हुए थे। सुबह जब सुमित की नींद खुली तो 3 बच्चों में से एक बच्चा (मो.फहीम उर्फ राजा बाबू) गायब था। काफी खोजबीन के बाद भी बच्चा का कही पता नहीं चला। इसके बाद हाजीपुर रेल थाना में काण्ड संख्या 158/2025 दर्ज करवाया गया। इसके बाद बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए SIT का गठन किया गया। जांच के दौरान सीसीटीवी खंगाला गया, जिसमें एक पुरुष और एक महिला की संलिप्तता सामने आई। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी महिला और पुरुष के गतिविधियों के समय के हिसाब से DIU ने मोबाइल डंप डेटा लिया। इस दौरान संदिग्ध के नंबर की पहचान की गई। फिर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे संदिग्ध पुरुष की पहचान वैशाली जिले के विदुपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले रणजीत कुमार राय के बेटे अर्जुन कुमार के रूप में, जबकि सीसीटीवी में दिख रही महिला की पहचान वैशाली जिले के ही सदर थाना क्षेत्र के राम चंद्र चौधरी की पत्नी किरण देवी के रूप में हुई। सबसे पहले देखिए, आरोपियों की 3 तस्वीरें गिरफ्तार महिला-पुरुष की निशानदेही पर चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जानकारी देते हुए रेल एसपी वीणा कुमारी ने गुरुवार को बताया कि सीसीटीवी में दिख रहे पुरुष और महिला की पहचान के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों की गिरफ्तारी के बाद वैशाली जिले के विदुपुर थाना क्षेत्र के सोनू कुमार, समस्तीपुर जिले के अनिल कुमार साह, गुड़िया देवी और मुन्नी कुमारी को भी गिरफ्तार किया गया। साथ ही बच्चा को भी सकुशल बरामद कर लिया गया। आरोपी सोनू कुमार ने पुलिस को बताया कि समस्तीपुर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर पटोरी के डॉक्टर अविनाश कुमार और उसकी सहयोगी मुन्नी कुमारी के कहने पर 3.5 लाख में सौदा हुआ था। कुछ पैसे UPI के जरिए जबकि कुछ पैसे कैश डॉक्टर अविनाश को दिया गया था। फिलहाल, आरोपी डॉक्टर अविनाश फरार है। पुलिस उसके गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। साथ ही सभी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। अब जानिए, 3 अक्टूबर की रात स्टेशन से कैसे उठाया था बच्चा 25 साल के सुमित कुमार ने अपने बेटे के गायब होने के बाद रेल एसपी को जानकारी दी कि मैं अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ हाजीपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर सो रहा था। 4 अक्टूबर की सुबह लगभग 05 बजकर 50 मिनट पर आंख खुली तो मेरा 2 साल का बेटा राजा बाबू गायब था। बच्चे के गायब होने की सूचना पर हाजीपुर रेल थाना में शिकायत की और मामला दर्ज कराया। शिकायत के बाद रेल पुलिस तत्काल एक्टिव हुई। रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म एक पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। इसी दौरान एक फुटेज में एक महिला और एक पुरुष बच्चे को उठाते और स्टेशन के बाहर ले जाते दिखे। इसके बाद पुलिस ने डंप डेटा, मोबाइल लोकेशन, CDR और SDR विश्लेषण, OSINT तकनीक का उपयोग कर संदिग्धों की पहचान शुरू की। तकनीकी जांच के आधार पर संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले, जिससे आरोपी तक पहुंच आसान हो गई। बिन बच्चे के माता-पिता को डॉक्टर ने दिलवाया था बच्चा आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हाजीपुर रेलवे स्टेशन से चोरी किए गए बच्चे को डॉक्टर ने नि:संतान दंपती को दिलाया था। इस गैंग का मास्टरमाइंड समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी का रहने वाला डॉक्टर अविनाश कुमार ही बताया जा रहा है। दंपती ने बच्चे के लिए वैशाली के सोनू कुमार से संपर्क किया था, जिसने दंपती की मुलाकात डॉक्टर से कराई थी, जिसके बाद डॉक्टर ने अपने गैंग की मदद से बच्चे को चुराकर दंपती को सौंप दिया था। दरअसल, डॉक्टर और बच्चे को खरीदने वाले दंपती का घर आसपास ही है, इसलिए दंपती ने डॉक्टर पर भरोसा कर लिया था। पड़ताल में सामने आया कि जिस बच्चे के लिए दंपती ने 3.50 लाख रुपए दिए थे, उस दंपती को ये पता नहीं था कि बच्चा चोरी का है। डॉक्टर की ओर से दंपती को बताया गया था कि इस बच्चे को कोई दंपती उसके क्लीनिक पर छोड़ गया है। रेल पुलिस ने बताया कि रेलवे स्टेशन से बच्चे को उठाने वाले अर्जुन कुमार को 1 लाख 20 हजार रुपए, जबकि मीडिएटर सोनू को 1 लाख 30 हजार रुपए दिए गए थे। इसके अलावा, बाकी एक लाख रुपए में से अन्य आरोपियों ने पैसों का बंटवारा किया था। रेल एसपी ने बताया कि 2 साल के बच्चे की बरामदगी समस्तीपुर के पटोरी थाना के दंपती के पास से हुई। फिलहाल, बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया गया है। बच्चा उठाने वाले अर्जुन का पिता भी मासूम के चोरी में हुआ था गिरफ्तार रेल पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि हाजीपुर रेलवे स्टेशन से बच्चा उठाने वाले अर्जुन का पिता भी छपरा रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। छपरा में 21 जुलाई को सिवान की रहने वाली चांदनी देवी ने बच्चा चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और आरोपी की पहचान बताते हुए कहा था कि उससे रेलवे स्टेशन पर ही जान पहचान हुई थी। इसके बाद आरोपी उसके 18 महीने के बेटे को लेकर भाग गया था। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद मोबाइल नंबर के आधार पर रंजीत राय को जेल भेजा था और बच्चा भी बरामद कर लिया था।


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