बलरामपुर के रेहारपुरवा झौहना गांव में एक तेंदुए ने मां की गोद से मासूम को छीन लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग से सटे क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को दर्शाती है। श्रावस्ती के सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने गुरुवार को लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। सांसद ने सदन को बताया कि उनका संसदीय क्षेत्र नेपाल सीमा से सटा हुआ है। तुलसीपुर, पचपेड़वा और हरैया सतघरवा जैसे जंगल किनारे बसे गांव लगातार जंगली जानवरों के हमलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेंदुए, भेड़िए और लकड़बग्घे जैसे जानवर अक्सर मवेशियों और छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं। हाल की घटना इसी का एक उदाहरण है। सांसद ने सरकार से मांग की कि जंगल किनारे स्थित गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने, कैमरा ट्रैप लगाने, पिंजरों का उपयोग करने और वन्यजीवों की निगरानी को मजबूत करने पर जोर दिया। ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों की सुरक्षा का सवाल है। सांसद ने सरकार से मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक नीति बनाने और तत्काल उपाय लागू करने का आग्रह किया। क्षेत्रीय ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में जंगलों से गांवों में जंगली जानवरों का प्रवेश बढ़ा है। जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है। लोकसभा में यह मुद्दा उठने के बाद, अब उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
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