गयाजी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना की ओर से मंगलवार को मेधा दिवस 2025 आयोजित किया गया। इसमें गया के जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर को सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर दिया गया। सम्मान का कारण रहा – जिले में मैट्रिक और इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2025 का स्वच्छ, कदाचारमुक्त और सफल संचालन। समारोह में शिक्षा विभाग के मंत्री और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने जिला पदाधिकारी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गया में परीक्षा संचालन, उत्तरपुस्तिका की बारकोडिंग और मूल्यांकन काम को जिस सटीकता से करवाया गया, वह पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है। मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों से ही बिहार बोर्ड की छवि मजबूत हुई है। जिले में मैट्रिक परीक्षा के लिए कुल 59 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें सदर अनुमंडल में 42, टिकारी में 5, शेरघाटी में 8 और नीमचक बथानी में 4 केंद्र शामिल थे। 71 हजार 691 परीक्षार्थी ने दी थी परीक्षा इस परीक्षा में कुल 78 हजार 720 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसी तरह इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा के लिए पूरे जिले में 61 केंद्र बनाए गए। सदर अनुमंडल में 48, टिकारी में 4, शेरघाटी में 6 और नीमचक बथानी में 3 केंद्र निर्धारित किए गए। इंटर परीक्षा में कुल 71 हजार 691 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जिला पदाधिकारी के निर्देशन में उत्तरपुस्तिकाओं की बारकोडिंग, निगरानी व्यवस्था और मूल्यांकन काम को सख्ती और पारदर्शिता से पूरा कराया गया। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या कदाचार की शिकायत नहीं आई। बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि गया जिले का प्रयास राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है।
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