इटावा डीबीए ने सहायक श्रम आयुक्त कुलदीप सिंह की कार्यशैली और आचरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को एसोसिएशन ने जिलाधिकारी से मिलकर एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा, जिसमें अधिकारी की चल-अचल संपत्तियों और सेवा आचरण की विजिलेंस जांच कराने की मांग की गई है। राजेश कुमार त्रिपाठी और महामंत्री नितिन तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर आरोप लगाया कि इटावा में तैनात सहायक श्रम आयुक्त कुलदीप सिंह भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में लिप्त हैं। शिकायत पत्र में कहा गया है कि कर्मकार क्षतिपूर्ति संबंधी पत्रावलियों में आदेश पारित करने के लिए अधिवक्ताओं से कथित रूप से सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। शिकायत के अनुसार, सुविधा शुल्क देने से इनकार करने वाले अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता और अपमानजनक व्यवहार किया जाता है। बार एसोसिएशन ने अपने पत्र में 3 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे की एक घटना का भी उल्लेख किया है। इस दौरान अधिवक्तागण शिकायत दर्ज कराने सहायक श्रम आयुक्त के कार्यालय पहुंचे थे, जहाँ अधिकारी ने कथित रूप से सभी अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने उन्हें धमकाते हुए कहा, जितने वकील तुम आए हो, उससे अधिक मेरा स्टाफ है, मैं किसी से नहीं डरता, वकील मेरी नज़र में कुछ भी नहीं हैं। जिले के सभी वकील मिलकर भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। अधिवक्ताओं के अनुसार, इस घटना का संपूर्ण वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है। शिकायत में यह भी आरोप है कि सहायक श्रम आयुक्त द्वारा अधिवक्ताओं के प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किए जाते और उन्हें फेंक दिया जाता है। साथ ही, पत्रावलियों में मनमाने ढंग से आदेश पारित कर वादकारियों और अधिवक्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला बार एसोसिएशन ने कहा कि अधिवक्ताओं की गरिमा और न्यायहित की रक्षा के लिए सहायक श्रम आयुक्त के आचरण, कार्यप्रणाली और संपत्तियों की विजिलेंस स्तर पर जांच आवश्यक है। यह जांच सत्य को सामने लाएगी और न्याय व्यवस्था पर जनता का विश्वास सुरक्षित रखेगी। पत्र सौंपे जाने के दौरान जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री नितिन तिवारी, कोषाध्यक्ष प्रभाकर त्रिपाठी और बड़ी संख्या में अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।
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