सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में वोटर्स लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों या राज्य चुनाव आयोगों की तरफ से नियुक्त कर्मचारियों को SIR की ड्यूटी निभानी होगी। भारत के चीफ जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी SIR सहित दूसरे वैधानिक कामों को करने के लिए बाध्य हैं। राज्य सरकारों का भी कर्तव्य है कि वे के लिए चुनाव आयोग को कर्मचारी उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने कहा कि अगर SIR काम में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) के पास काम का बोझ ज्यादा है, तो राज्यों को और स्टाफ को काम पर लगाना चाहिए। बेंच ने कहा- इससे BLO के काम के घंटे कम करने में मदद मिलेगी और पहले से ही नियमित काम के अलावा SIR कर रहे अधिकारियों पर दबाव कम होगा। चुनाव आयोग SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ा चुका चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को SIR की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा। 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचे शनिवार को चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 51 करोड़ मतदाताओं के लिए बनाए गए गणना फॉर्म में से 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचा दिए गए हैं। इनमें से लगभग 79% फॉर्म का डिजिटलीकरण भी पूरा हो चुका है। यानी यानी घर-घर से BLO जो फॉर्म भरकर लाते हैं, उनमें लिखे नाम, पते और अन्य विवरण को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज किए जा चुके हैं। अब जानिए SIR क्या है… SIR मामला सुप्रीम कोर्ट में, 2 दिसंबर को सुनवाई SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। SIR के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर लगातार सुनवाई हो रही है। इस दौरान चुनाव आयोग ने कहा- SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दल जानबूझकर डर का माहौल बना रही हैं। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच केरल सरकार की याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर को करेगी। वहीं तमिलनाडु में याचिका पर 4 दिसंबर और पश्चिम बंगाल की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। इसी दिन चुनाव आयोग राज्य की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी करेगा। बेंच ने कहा- अगर राज्य सरकार मजबूत आधार देती हैं तो हम तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि SIR पहले कभी नहीं हुआ तो यह वजह EC के फैसले को चुनौती देने का आधार नहीं बन सकती। ——————————– ये खबर भी पढ़ें… लोकसभा में केंद्र बोला- SIR पर बहस के लिए तैयार, समय सीमा न थोपें संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। दोनों सदनों में SIR और वोट चोरी के आरोप के मुद्दे पर हंगामा हुआ। विपक्ष चर्चा के लिए अड़ा है। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा को बताया कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष से अपील कि वह इस पर कोई समय सीमा न थोपें। पूरी खबर पढ़ें…
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