पंजाब में जिला परिषद-ब्लॉक समिति चुनाव के बीच अकाली दल (बादल) के प्रधान सुखबीर बादल ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर हुई एक मीटिंग की ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की है। सुखबीर बादल का दावा है कि यह मीटिंग पटियाला पुलिस के अधिकारियों के बीच हो रही है। उसमें SSP अलग-अलग DSP से बात कर रहे हैं। जिसमें सिक्योरिटी अरेंजमेंट के दौरान विरोधी उम्मीदवारों से नामांकन के वक्त धक्केशाही के बारे में प्लानिंग की जा रही है। विरोधी उम्मीदवारों को उनके घर-गांव से लेकर नामांकन केंद्र के बाहर तक रोकने के बारे में कहा जा रहा है। इस रिकॉर्डिंग में निष्पक्ष चुनाव की निगरानी के लिए लगाए ऑब्जर्वर के साथ पंजाब पुलिस और प्रशासन के भी डिविजनल कमिश्नर और DIG लेवल के अफसरों के नाम लिए जा रहे हैं। अकाली दल ने इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। हालांकि पटियाला पुलिस ने सुखबीर बादल के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। पटियाला पुलिस ने कहा- ये वीडियो फेक है और AI के जरिए बनाई गई है। इससे लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इसे वायरल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के इस दावे पर अभी सुखबीर बादल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे ये पता चल सके कि पुलिस के फेक बताने के बाद इसे सच साबित करने के लिए उनके पास क्या सबूत हैं। वहीं BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि CM भगवंत मान विदेश में है। AAP पंजाब में उनके प्रभारी मनीष सिसोदिया की साम, दाम, दंड, भेद वाली नीति पर चलकर इलेक्शन चोरी कर रही है। अकाली दल प्रवक्ता बोले- हाईकोर्ट में याचिका दायर की शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर सुनवाई दोपहर एक बजे होंगे। उन्होंने कहा कि हमने मांग की है कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए। चीमा ने आगे कहा, कभी कोई सोच भी नहीं सकता कि जिन लोगों के ऊपर, जिन IPS अफसरों के ऊपर लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी है, रूल ऑफ लॉ लागू करने की जिम्मेदारी है, वही खुद यह सिखा रहे हों कि चुनाव में घपला कैसे करनी है। आज ही हाईकोर्ट जुडीशियल इन्क्वायरी का आदेश दे दे, सच्चाई सामने आ जाएगी। जो कुछ वीडियो सोशल मीडिया में चल रहा है, वह सब लोग देख रहे हैं। हम भी यही चाहते हैं कि न्यायिक जांच हो, CBI जांच हो, जिससे सच सामने आ जाएगा। पढ़िए, वायरल की गई वीडियो में क्या बातचीत हो रही… एक अधिकारी: जहां कहीं भी अकाली मिलें, उनके नामांकन पत्र फाड़ दें दूसरा अधिकारी: आज पुलिस ऑब्जर्वर आए थे, उसके बाद हम डिविजनल कमिश्नर के पास गए, DIG, DC भी थे और मैं भी वहीं था और 2 एसपी भी मेरे साथ थे। प्रशासन बल प्रयोग पर रोक नहीं लगाता, वे स्पष्ट हैं कि स्थानीय निकायों में ऐसा होना ही चाहिए लेकिन उनकी नीति ये है कि जिसे निशाना बनाना है, रोकना है, उसे बाहर से ही रोक लिया जाए, उसके गांव, घर या रास्ते में ही रोक लिया जाए, नामांकन दाखिल केंद्र पर पहुंचकर कागज़ न फाड़े जाएं। कल हमारे लिए सबसे संवेदनशील दिन है क्योंकि सुखबीर सिंह बादल खुद घनौर आ सकते हैं। तीसरा अधिकारी: हम राजनीतिक नेतृत्व से निर्देश ले रहे हैं। दूसरा अधिकारी (फिर से): नीति यह है कि जिसे भी पर्चा दाखिल करने से रोकना है, उसे गांव में रोको, घर पर रोको या रास्ते में रोको। जिस तरह से चुनावों के दौरान सेंटरों के अंदर एमसी ने कागज फाड़े, वो नहीं होना चाहिए, सब कुछ बाहर से ही होना चाहिए चौथा अधिकारी: हम विधायक साहब और उनकी टीम के संपर्क में हैं… सब कुछ इसी तरह से प्लान किया गया है। पांचवां अधिकारी: हम विधायक साहब के आदमियों को सुबह 9 बजे का समय देंगे और उनसे पहले अपना पर्चा दाखिल करवाएंगे दूसरा अधिकारी(फिर से) : निजी तौर पर या खुद हमें जो भी पाबंदियां लगानी हैं, वो बाहर से लगानी होंगी… विधायक को भी बताएं, जिस व्यक्ति पर पाबंदी लगानी है उसे गांव में या घर पर ही लगाने को कहें। सबकी निगाहें आप पर हैं, लेकिन जो भी धक्का-मुक्की करनी है, गांव में करो, घर पर करो या रास्ते में करो। कल आपके सुखबीर बादल भी आएंगे.. सबको पता है कि नामांकन रोक दिए जाएंगे और खारिज कर दिए जाएंगे। किसी को चिंता करने की ज़रूरत नहीं, मैं किसी भी शिकायत की सकारात्मक रिपोर्ट बनाऊंगा। अगर कागज छीनने हैं तो 5 किलोमीटर पहले छीने जाएं.. अगर कोई अंदर घुसने की हिम्मत करता है तो आरओ उसका नामांकन रद्द करें। चलो, कोई बात नहीं, हिम्मत रखो और निर्देशानुसार काम करो। सुखबीर बादल का पोस्ट किया VIDEO इस मामले के पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
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