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सुन्नी की 80%, शिया की 55% वक्फ प्रॉपर्टी अपलोड नहीं:लखनऊ में मौलाना बोले- वक्फ संपत्तियों के खिलाफ बड़ा खेल चल रहा

सरकार के उम्मीद पोर्टल (https://ift.tt/cxajRVm) पर गड़बड़ियों के चलते वक्फ की संपत्तियों का डेटा अपलोड नहीं हो पा रहा है। इसके चलते लखनऊ में परेशानी बढ़ गई है। पोर्टल पर संपत्तियों का विवरण अपलोड करने की डेडलाइन 5 दिसंबर है और उसके एक दिन पहले, आज यानी 4 दिसंबर तक सुन्नी की 80% और शिया की 55% प्रॉपर्टी का डेटा अपलोड नहीं हो पाया। पूरे प्रदेश में शिया और सुन्नी दोनों वक्फ बोर्डों में 1 लाख 32 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें से सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1 लाख 24 हजार में से केवल 29 हजार संपत्तियां ही उम्मीद पोर्टल पर दर्ज हो पाईं। वहीं, शिया वक्फ बोर्ड की 8000 संपत्तियों में 3700 ही उम्मीद पोर्टल पर दर्ज हुईं। यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड की 20% और शिया वक्फ बोर्ड की 45% संपत्तियां ही पोर्टल पर अपलोड हो पाई हैं। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने दोनों वक्फ बोर्ड के ऑफिस (शिया का जवाहर भवन हजरतगंज और सुन्नी का मॉल एवेन्यू) पहुंचकर यहां आने वाले लोगों से बात की। लोगों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा बढ़ाने से इनकार किया है। पोर्टल का सर्वर डाउन और धीमा होने की वजह से संपत्तियां दर्ज नहीं हो पा रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा- वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के खिलाफ बड़ा खेल चल रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले 2 तस्वीरें देखिए… ‘जिम्मेदार नहीं उठा रहे हैं फोन’ वाराणसी से आए परवेज अहमद ने बताया कि कई दिनों से उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चक्कर काट रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि उम्मीद पोर्टल का सर्वर बिल्कुल डाउन है, जिस वजह से समस्या हो रही है। समय भी बहुत कम बचा है। सुप्रीम कोर्ट ने समय बढ़ाने से इनकार कर दिया है। चिंता और बढ़ गई है। सुन्नी वक्फ बोर्ड में चेयरमैन या सीईओ जैसा जिम्मेदार अधिकारी नहीं हैं, जिनके सामने अपनी बात रख सकें। मस्जिद का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पिछले एक हफ्ते से दौड़ रहे हैं। मगर कोई फायदा नहीं है। वाराणसी में 8 मुतवल्लियों को जिम्मेदार नियुक्त किया गया है, मगर कोई भी फोन नहीं उठा रहा है। जो डॉक्यूमेंट लगाना है, उसकी भी जानकारी देने के लिए कोई नहीं है। ‘संपत्ति खोने का सता रहा है डर’ प्रयागराज के कुतुबुद्दीन ने बताया कि 3 दिनों से वक्फ बोर्ड में भटक रहे हैं। वेबसाइट नहीं चलती है। ऑफलाइन कोई मिलता नहीं है। वक्फ कर्मचारियों को अपलोड फाइलों के वेरिफिकेशन के लिए लगा दिया गया है। ऐसे में वक्फ बोर्ड में हमारी मदद करने वाला कोई नहीं है। पैसा खर्च करने के बाद भी काम नहीं हो रहा है। अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं। यहां भटकने के अलावा कोई काम नहीं है। सर्वर ठप होने की वजह से हम लोगों को भय है कि संपत्ति कहीं खो न दें। हमारी सैकड़ों साल पुरानी संपत्ति है, मगर अब टेंशन बढ़ गई है। हम लोग वेबसाइट को लेकर 24 घंटे संघर्ष कर रहे हैं। ‘पोर्टल पर संपत्तियों का विवरण अपलोड करना युद्ध साबित हुआ’ गोंडा से आए हाफिज अहमद रजा ने बताया कि 3 बार सुन्नी वक्फ बोर्ड आ चुके हैं। अधिकारी समय से मिलते नहीं हैं। सर्वर चलता नहीं है। हम लोग दूसरे जनपद से आकर यहां भटक रहे हैं। सरकार से निवेदन है ही समय बढ़ाया जाए। हम लोग मदरसे की छुट्टी करके आते हैं। हमें भी जवाब देना पड़ता है। जाड़े के मौसम में घर-परिवार छोड़कर वक्फ बोर्ड ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। हाथ सिर्फ मायूसी ही लग रही है। अंतिम तिथि करीब आ रही है। पोर्टल पर लॉगइन और दस्तावेज अपलोड करना लगभग नामुमकिन हो गया है। 5 दिन से सर्वर ठप शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने बताया कि विगत 5 दिनों से वेबसाइट 80 प्रतिशत बिल्कुल ठप है। इस वजह से दिन में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। रात में ही थोड़ा संभव होता है है। उम्मीद पोर्टल स्लो होने के कारण संपत्तियां रजिस्टर्ड नहीं हो पाएंगी, तो वक्फ ट्रिब्यूनल में अपील दायर करके चढ़वाने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि जानबूझकर रजिस्टर्ड नहीं करवाने वाले के खिलाफ वक्फ बोर्ड खिलाफ कार्रवाई करेगा। वक्फ संशोधन अधिनियम के अनुसार डीएम को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग करेंगे । हम सभी लोग रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ‘उम्मीद पोर्टल डिफेक्टिव है’ शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा- उम्मीद पोर्टल नाउम्मीद बन चुका है। उम्मीद पोर्टल जिहालत का सबूत है। पूरी तरह डिफेक्टिव है। पोर्टल बनाने वालों को वक्फ की कोई जानकारी ही नहीं थी। उसमें जो कॉलम और ऑप्शन दिए गए हैं उस हिसाब से तो रजिस्ट्रेशन हो ही नहीं सकता। उसमें एक वक्फ में 10 ही खसरा चढ़ा सकते हैं। हम जिस वक्फ के मुतावल्ली हैं उसी के 42 खसरा नंबर है। बाकी खत्म हो जाएंगे प्लानिंग के साथ खेल किया जा रहा है। एक और बड़ी समस्या ये है कि एक वक्फ पर एक ही चीज रजिस्टर्ड हो सकता है जैसे- इमामबाड़ा, मस्जिद या कब्रिस्तान। कई ऐसी प्रॉपर्टी हैं जहां तीनों चीजें हैं। ऐसे में बाकी सब खत्म हो जाएगा। बड़ा खेल हो रहा है। रात 3 बजे एक घंटे के लिए पोर्टल खुलता है। अब कौन रातभर बैठा रहेगा। सभी लोग परेशान हैं। हर पांच दिन में अमेंडमेंट हो जाता है। क्या भरें इसके लिए लोग परेशान हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए… लखनऊ में शव के साथ 14 घंटे रहा हत्यारा, VIDEO : बुजुर्ग महिला को मारकर रात ढाई बजे मकान से बाहर निकला, मफलर बांधे था लखनऊ के जानकीपुरम में 74 साल की नीलिमा श्रीवास्तव को मारकर हत्यारा शव के साथ 14 घंटे तक रहा। आराम से लूटपाट करने के बाद उसने रात गहराने का इंतजार किया। इसके बाद मुंह पर मफलर बांधकर चुपचाप मकान से बाहर निकल फरार हो गया। (पूरी खबर पढ़िए)


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