कोलकाता की एक अदालत ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के पांच सदस्यों को, जिनमें से दो बांग्लादेशी नागरिक हैं, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और इस उद्देश्य के लिए हथियार खरीदने का दोषी पाते हुए बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
आतंकवादी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के कार्यकर्ता भारत के कई राज्यों में बम विस्फोट जैसी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने सितंबर 2016 में पश्चिम बंगाल और असम से छह आरोपियों को विस्फोटक, आईईडी घटकों, भारत में विस्फोट करने की उनकी योजना के दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया था।
बिचार भवन स्थित सिटी सत्र अदालत के विशेष न्यायाधीश रोहन सिन्हा ने छह आरोपियों में से पांच को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने बांग्लादेशी नागरिकों अनवर हुसैन फारुक और मोहम्मद रुबेल, पश्चिम बंगाल के बर्धमान निवासी मौलाना यूसुफ एस.के. और असम निवासियों मोहम्मद साहिदुल इस्लाम और जबीरुल इस्लाम को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
छठे आरोपी, बर्धमान निवासी अब्दुल कलाम को सबूतों के अभाव में इस मामले में बरी कर दिया गया।
सभी पांचों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया, जिनमें धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना या युद्ध छेड़ने का प्रयास करना) और 122 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोग, हथियार या गोला-बारूद इकट्ठा करना) शामिल हैं।
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