लखनऊ विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो.आलोक राय को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षक आमने-सामने आ गए हैं।शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष व शिक्षक डॉ. अरशद जाफरी, प्रो. मोनिशा बनर्जी, डॉ. चंदकी राम गौतम ने सीएम को पत्र लिखकर उनके कार्यकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की थी। इस बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इस मामले में जांच टीम का गठन किया गया। साथ ही तीनों शिक्षकों के ऊपर भी जांच बैठा दी गई। इसके शिक्षकों ने कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि जांच समिति के सदस्यों में ऐसा कोई भी नहीं होना चाहिए था, जो पूर्व कुलपति के साथ काम कर चुका हो। इसके बावजूद ऐसे सभी सदस्यों को कैसे शामिल कर लिया गया? उपाध्यक्ष डॉ.अरशद जाफरी का कहना है कि हमने जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है तो विश्वविद्यालय कैसे इसके लिए समिति बना सकता है? जांच समिति में LU के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. वीके शर्मा, आईटी कॉलेज से पूर्व प्रो. विनीता प्रकाश, एनबीआरआई से डॉ. शिरके हैं। कोड ऑफ कंडक्ट का ब्रीच LU प्रशासन ने शिक्षक संघ के तीनों उपाध्यक्षों पर अनुशासनहीनता की जांच के लिए भी कमेटी बनाई है। प्रवक्ता डॉ. मुकुल श्रीवास्तव का कहना है कि यह जांच शिक्षकों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के संबंध में है। सीधे शिकायत भेजना अनुशासनहीनता है।
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