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यूपी विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने बैठक की:लापरवाह अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण या आख्या देने का निर्देश

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति अयोध्या पहुंची। सर्किट हाउस में समिति ने विधान परिषद सदस्यों और अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।बैठक का उद्देश्य सदन में उठी लंबित शिकायतों और प्रश्नों के निस्तारण की समीक्षा करना था। समिति जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई शिकायतों का फील्ड में आकर समाधान सुनिश्चित कर रही है। अध्ययन समिति के सभापति किरण पाल कश्यप ने पूरे समीक्षा कार्य का नेतृत्व किया। कश्यप के अनुसार, सदन में लंबित मामलों को विधानसभा अध्यक्ष संबंधित समितियों को सौंपते हैं। समिति जनपद में जाकर अधिकारियों से जानकारी लेकर शिकायतों का निस्तारण करती है।बैठक में पाया गया कि कई अधिकारियों ने अभी तक अपनी आख्या प्रस्तुत नहीं की है। समिति ने ऐसे अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण या आख्या देने का निर्देश दिया। अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि जनहित से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ‘संसदीय अध्ययन समिति‘ के सभापति किरण पाल कश्यप की अध्यक्षता, समिति के सदस्य डा0 प्रज्ञा त्रिपाठी, अनुसचिव एवं समिति अधिकारी विनोद कुमार यादव, जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, नगर आयुक्त जयेन्द्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह सहित विभागों के सम्बन्धित अधिकारियों की उपस्थिति रही। वर्तमान सरकार के गठन वर्ष 2022 से अब तक मा0 जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों/प्रस्तावों के सम्बन्ध में कार्यवाही पर विचार-विमर्श हेतु बैठक आयोजित की गयी।

डीएम निखिल टीकाराम फुंडे व मुख्य विकास अधिकारी ने सभापति को पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया ।सभापति द्वारा विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के उद्देश्यों व सदन के प्रोटोकॉल के बारे में उपस्थित सभी अधिकारियों को अवगत कराया गया। समीक्षा बैठक के दौरान गृह विभाग, राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास, नगर विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग निर्माण खण्ड-3, पंचायती राज, सिंचाई विभाग सरयू नहर खण्ड, सिंचाई विभाग सिंचाई खण्ड-2, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा विभाग, ऊर्जा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, समाज कल्याण, आबकारी, पशुपालन, कृषि, मंडी परिषद, आयुर्वेद विभाग, होम्योपैथ, पर्यटन विभाग, दुग्ध, वन विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, परिवहन विभाग, सहकारिता विभाग, चीनी/गन्ना विभाग, कारागार विभाग आदि विभाग के योजनाओं की निर्धारित बिन्दुओं पर समीक्षा की गई।
सभी विभागों को निर्देशित किया कि सभी विभाग कृत कार्यवाही से मा0 जनप्रतिनिधियों को अवश्य जानकारी दे। सभापति ने कहा कि विधान सभा व विधान परिषद, उत्तर प्रदेश में कुल 16-16 समितियां हैं, जिनके प्रश्नों का जवाब सम्बन्धित विभाग द्वारा देना होता है। इसलिये सभी विभाग की गई कार्यवाही से सांसदों एवं विधानमंडल के सदस्यों को अवश्य अवगत कराएं।
अन्त में सभापति ने सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। कहा कि हम सभी का उद्देश्य आम जनमानस की समस्याओं का निराकरण करना है, आम आदमी अपनी शिकायतों को सर्वप्रथम प्रशासन के समक्ष लाता है, जब उसका निस्तारण ससमय प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता, तो वह जनप्रतिनिधियों के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराता है। डीएम अयोध्या ने सभापति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके दिये गये निर्देशों व सुझावों का पालन तय किया जायेगा।


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