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एम्बुलेंस से पहले मरीज ने किया डोली का सफर, VIDEO:कंधों पर लाद युवकों ने 5 किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया, खाई में गिरते-गिरते बचे

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में कई दूरस्त गांव आज भी ऐसे हैं जहां अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। सड़क ना पहुंच पाने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को बागेश्वर से एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है जिसमें ग्रामीण सड़क ना होने के कारण अपनी परेशानी बयां कर रहे हैं। 53 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ लोग एक बीमार महिला को डोली पर बैठाकर कच्चे और संकरे पहाड़ी रास्तों से सड़क तक लेकर जाते हुए नजर आ रहे हैं। डोली के पीछे से एक युवक इस पूरी घटना की वीडियो बना रहा है, साथ ही वो दावा कर रहा है कि ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए करीब 5 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना होता है, ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो। वीडियो बना रहा युवक ये भी बता रहा है कि कभी गांवों में लोग भी नहीं मिलते हैं, जिसके कारण डोली को उठाना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि सरकार लगातार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत पहाड़ों पर सड़कों का जाल बिछा रही है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो उत्तराखंड में पीएमजीएसवाई के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 814 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है। जो की 2023-24 की तुलना में 206 किमी ज्यादा है। 3 प्वाइंट्स में पढ़िए वीडियो में क्या दिख रहा…. अचानक तबीयत बिगड़ी तो गांव के लोगों को बुलाया दरअसल, मटियौली गांव में रहने वाली महिला अनीता की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी की वो चल भी नहीं पा रही थीं। तभी परिवार को लगा की हालात ज्यादा खराब हो इससे पहले उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाए। हालांकि वो जानते थे कि अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पहले सड़क तक पहुंचना होगा और उसके लिए 5 किलोमीटर पैदल चलना होगा। इसके लिए गांव के कुछ युवक को बुलाकर, डोली तैयार की गई और महिला को डोली में बैठा दिया गया। करीब पांच किलोमीटर के पहाड़ी और संकरे रास्ते से होते हुए गांववाले महिला को सड़क तक लेकर गए। जिसके बाद उसे एम्बुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाया गया। जहां फिलहाल उनका इलाज जारी है। ग्रामीण बोले- कई बार उठा चुके मांग, नहीं ली गई सुध इस पूरे मामले के बाद एक ग्रामीण ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की सालों से वह प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य गठन के 25 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक गांव तक सड़क नहीं पहुंची है। गांव से सड़क तक पहुंचने में ही करीब 2 घंटे लग जाते हैं। जिसके कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सड़क के अभाव में न केवल बीमारों को, बल्कि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को भी आवाजाही में जोखिम उठाना पड़ता है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ——————- ये खबर भी पढ़ें… मरीज को डोली में लादकर 3 KM तक चलना पड़ा,VIDEO, अल्मोड़ा में सड़क की खराब हालत, 3 साल से जर्जर अल्मोड़ा के सल्ट विधानसभा क्षेत्र में महिला की अचानक तबीयत बिगड़ने पर डोली में लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा। गांव की सड़क की हालत जर्जर होने के कारण कोई भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाया। ग्रामीणों ने मजबूर होकर महिला को डोली में बैठाकर 3 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। जिसके बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। (पढ़ें पूरी खबर)


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